कानन के बाड़े में धमाचौकड़ी मचाने लगे शिवाजी और रंभा के चारों शावक
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : कानन पेंडारी में बबढ़ीं के चारों शावकों को सात माह बाद खुले बाड़े में छोड़ा गया। सभी शावक बाड़े के चारों तरफ दौड़ दौड़कर घूमते रहे। सप्ताह में केवल एक दिन गुरुवार को लोगों को इसका दीदार मिलेगा।
कानन पेंडारी जुलाजिकल पार्क के बाघ शिवाजी और बाधिन रंभा के चारों शावकों पूरी तरह स्वास्थ्य हैं। अब धीरे धीरे शावकों को ओपन केज में छोड़ा जा रहा है। ताकि शावकों को ओपन बाड़े में रहने की आदत पड़ जाए। सुबह से लेकर शाम तक सभी शावक केज के अंदर मस्ती करते रहे। शाम को उन्हें वापस केज में डाला गया।
अब ये सभी शावक अपनी मां के साथ सप्ताह में एक दिन गुरुवार को पर्यटकों के सामने नजर आ रहे है। इस गुरुवार पहली बार आम लोगो के लिए चारो शावकों को उनकी मां के केज में छोड़ा गया। जहां वे जमकर खेलते कूदते नजर आए। इसका दीदार करने बड़ी संख्या में पर्यटक इस केज के पास नजर आए। कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में बाघ का कुनबा बढ़ाने की प्रयास चल रहा है। प्रबंधन को सफलता भी मिली है। प्रबंधन ने शिवाजी और रंभा की मेटिंग कराई थी।
फिर सात महीने पहले 17 अप्रैल को बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया। इन शावकों की बहुत देखभाल की गई। हर पल उन पर नजर रखी जा रही है। तीन से चार माह में शावकों को उसकी मां के साथ ओपन केज में छोड़ दिया जाता था लेकिन इस बाद एहतियात बरती गई। सात महीने बाद शावक व उसकी मां को ओपन केज में छोड़ा गया।
कानन प्रबंधन ने ओपन केज में शावकों को छोड़ने से पहले वहां सुरक्षा को ध्यान में रखा गया। चारों शावकों को किसी प्रकार की समस्या नहीं है। सभी स्वास्थ्य हैं। प्रबंधन का दवा है कि स्टाफ को ड्यूटी में लगाई गई है, जो 24 घटे पर्यटक और शावकों की निगरानी कर रहे हैं।