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दलित मुसलमानों पर प्रधानमंत्री के विचारों का जदयू विधायक ने किया स्वागत, दिया सुझाव

(शशि कोन्हेर) : जदयू विधान पार्षद गुलाम गौस ने कहा कि हैदराबाद में अपने पार्टी के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलित मुसलमानों के आरक्षण की बात की। यह पहली बार हुआ जब किसी प्रधानमंत्री ने ऐसी बात की। यह प्रशंसनीय है। पर यह केवल कहने से यह नहीं होगा। उन्हें इस पर निर्णय भी लेना चाहिए। उनके पास ताकत है।

मुसलमानों को आरक्षण से परहेज क्‍यों
गुलाम गौस ने कहा कि प्रधानमंत्री सबसे पहले रंगनाथ मिश्र आयोग व सच्चर कमेटी की अनुशंसा को लागू करें। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो यह समझा जाएगा कि उन्होंने जो बात कही है वह एक चुनावी छलावा मात्र है। जब 1956 में सिखों को आरक्षण दिया जा सकता है तो फिर मुसलमानों से परहेज क्यों? सविधान इस तरह के विभेद की अनुमति नहीं देता है

बता दें कि बिहार में जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद पार्टी नेता लगातार भाजपा पर हमलावर हैं। प्रधानमंत्री पर भी जमकर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में जदयू एमएलसी के बयान से सियासी चर्चा शुरू हो गई है। 

राइस मिलरों के मसले पर सम्राट चौधरी ने सरकार को घेरा
बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने अरवा मिलों के मसले पर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण अरवा राइस मिलों में ताला लगने की नौबत आ गई है।

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ आने के बाद सरकार लगातार गलत फैसले ले रही है। राज्य सरकार ने बिहार के नौनिहालों को बर्बाद किया, फिर शिक्षकों को और अब राइस मिलरों के साथ ऐसा ही हो रहा है। मुख्यमंत्री अब सुपर सीएम के आदेश पर सभी फैसले ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अरवा और उसना चावल के नाम पर घोटाला करना चाहती है। यही वजह है कि पर्याप्त मात्रा में अरवा राइस मिलें कार्यरत होने के बावजूद सरकार उन्हें बंद कर उसना मिलें लगाने की बात कह रही है।

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