रायपुर

युवा पीढ़ी को नशा से बचा सकते, यदि युवाओं के रोल मॉडल नशे से दूर हो जाए : रतनलाल डांगी

(शशि कोन्हेर) : रतनलाल डांगी, निदेशक, सुभाषचंद्र बोस, राज्य पुलिस अकादमी चन्द्रखुरी, ने कहा – आजकल युवा पीढ़ी में तेजी से नशे की लत फैल रही है।विशेषकर जवान हो रही पीढ़ी (12 से 20 साल) में नशे की लत तेजी से फैल रही है। यह नशा शराब या सिगरेट का नहीं है, बल्कि गांजा, कोकीन, अफीम, डेंडराइट, स्मैक और नशीली दवाओं का है। इस तरह का नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है।कोई भी नशे की आदत अच्छी नहीं होता है यह व्यक्ति के शरीर को दीमक की तरह खोखला कर देती हैं।साथ ही उसे शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक रूप से भी पंगु कर देती हैं।नशाखोरी की आदत से एक भी युवा की मृत्यु या किसी बिमारी से ग्रस्त हो जाना, देश के लिए अवांछित क्षति हैं.


साथ ही नशे की लत व्यक्ति को सबसे पहले परिवार से दूर करती है। साथ ही अपनी बुरी आदत की वजह से पीड़ित आर्थिक तंगी की दौर से गुजरता है, जिसकी वजह से उसमें नकारात्मक भाव पैदा होते है और समय के साथ उसके करीबी मित्र भी उसका साथ छोड़ देते हैं।


नशा मस्तिष्क को इतनी बुरी तरह से प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति नशा नहीं मिलने पर अपने आप को नुकसान भी पहुंचा सकता है. यदि किसी को ड्रग्स लेने की आदत है और उसे समय पर ड्रग्स नहीं मिला, तो वह मानसिक रूप से बीमार हो सकता है या पागल भी हो सकता है. यह समस्या अधिकतर उन लोगों को होती है, जो लोग शराब का सेवन करते हैं।
नशा करने के कारण अपराध करते हैं तो कई बार नशा करने के लिए पैसे की व्यवस्था करने के लिए अपराध करते हैं। यह एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक जैसे गंभीर रोगों का कारण है, इसके अलावा इसके आर्थिक हानि और असामाजिक व्यवहार जैसे कि चोरी, हिंसा और अपराध एवं सामाजिक कलंक तथा समाज का समग्र पतन कई रूपों में दुष्प्रभाव भी हैं।
नशे की प्रवृत्ति बढऩे का मुख्य कारण संगत भी है। युवाओं को आकर्षित कर चेन बनाने की कोशिश करना, लक्ष्य को प्राप्त न कर पाने पर गहन हताशा, माता- पिता का ध्यान न देना, पार्टियां, सरकार में नशे पर प्रतिबंध लगाने की इच्छा शक्ति न होना जैसे कारण युवा वर्ग में नशे की लत को बढ़ा रहे हैं।
हम किसी भी नशे को अपनी प्रबल इच्छाशक्ति से स्वयं को शिकार बनने से रोक सकते हैं।

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