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यूक्रेन में नागरिकों की सुरक्षा और बच्चों की स्थिति को लेकर चिंतित है भारत

(शशि कोन्हेर) : रूस- यूक्रेन जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने लगातार शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हमेशा दोनों देशों को कूटनीति और वार्ता के रास्ते पर लौटने का आग्रह किया है।

यूक्रेन में नागरिकों की सुरक्षा और बच्चों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए रूचिरा कंबोज ने कहा, ‘भारत ने लगातार शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया है।

भारत ने दोनों पक्षों को युद्ध समाप्त करने आह्वान किया है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष को समाप्त करने के सभी राजनयिक प्रयासों के लिए भारत ने अपना समर्थन भी व्यक्त किया।’

यूक्रेन के हालात को लेकर भारत है चिंतित
उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि निर्दोष जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं आ सकता है। हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने कई मौकों पर यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से बात की है और भारत की स्थिति को दोहराया है।

भारत डी-एस्केलेशन के उद्देश्य के लिए किए जा रहे प्रयासों का समर्थन भी करता है। कंबोज ने यूक्रेन की स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत, यूक्रेन के मौजूदा हालात को लेकर काफी चिंतित है।

उन्होंने आगे कहा कि युद्ध की वजह से अभी तक अनगिनत जानें जा चुकी हैं। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं और पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। कंबोज ने आगे यह भी जानकारी दी कि हम यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान कर रहे हैं और यूक्रेन के कुछ पड़ोसियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

युद्ध की वजह से यूक्रेन के लाखों बच्चों की जिंदगी तबाह
उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन संघर्ष का असर सिर्फ यूरोप तक ही सीमित नहीं है। संघर्ष विशेष रूप से विकासशील देशों में भोजन, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा की चिंता को बढ़ा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे मानवता का एक तिहाई हिस्सा हैं और वो एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं क्योंकि वे दुनिया का भविष्य हैं। कम्बोज ने कहा कि युद्ध की वजह से पूरे यूक्रेन में 7.5 मिलियन बच्चे प्रभावित हो चुके हैं।

मेडिकल छात्रों की पढ़ाई दोबारा शुरू करने के लिए विकल्प तलाश रही भारत सरकार


अपने संबोधन के दौरान, कम्बोज ने यूक्रेन में विदेशी छात्रों की स्थिति को याद किया और कहा, ‘भारत ने 22,500 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान की, जिनमें से अधिकांश छात्र यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे थे।

हम अपने छात्रों को दोबारा शिक्षा प्रदान करने के लिए विकल्प तलाश रहे हैं।” शिक्षा। हम मेडिकल छात्रों के संबंध में इस शैक्षणिक वर्ष के लिए यूक्रेनी सरकार द्वारा की गई छूट की सराहना करते हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत ने रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया था। कंबोज ने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानवीय सहायता के आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देना जारी रखेगा। भारत ने अब तक यूक्रेन को मानवीय सहायता की 12 खेपें भेजी हैं।

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