फिर बिलबिलाए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो.. हमारे प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री पर की शर्मनाक टिप्पणी
(शशि कोन्हेर) : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सियासी हमले करने में जुटे हैं. गुरुवार को न्यू यॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिलावल ने सारी हदें पार कर दीं. भारत के विदेश मंत्री की ओर से 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पनाह देने वाली टिप्पणी पर पाकिस्तान के मंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमला बोलते हुए कहा, ‘मैं भारत को बताना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन तो मर चुका है, लेकिन ‘गुजरात का कसाई’ अभी जिंदा है और भारत का प्रधानमंत्री है.’
संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे भुट्टो ने एस जयशंकर पर हमला बोलते हुए कहा, “मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिका ने उनकी एंट्री पर बैन लगा दिया था. पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आरोप लगाते हुए भुट्टो ने कहा कि दोनों भारत के नहीं, RSS के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री हैं. अपने बेतुके बयान को और आगे बढ़ाते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि ये सभी हिटलर को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं.
पाकिस्तान के मंत्री का ये अभद्र बयान भारत के विदेश मंत्री की ओर से पाकिस्तान को लगाई गई फटकार के जवाब में आया है. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएन में कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई थी. पाकिस्तान को नसीहत देते हुए जयशंकर ने कहा था कि जिस देश ने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को पनाह दी हो और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया हो, उसे उपदेश नहीं देना चाहिए.
जयशंकर ने मीटिंग में बोलते हुए कहा था कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता वर्तमान समय की प्रमुख चुनौतियों पर की गई प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है. वह चुनौती महामारी, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद या कोई संघर्ष (conflicts) हो सकती है और ऐसे खतरों को आम चुनौतियों की तरह नहीं स्वीकार किया जाना चाहिए.
पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए जयशंकर ने कहा था कि जो दुनिया के लिए अस्वीकार है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि यूएनएससी मुख्य रूप से वैश्विक शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. यूएनएससी में भारत को शामिल करने की मांग पर भु्ट्टो ने कहा था कि इसमें नए सदस्यों को जोड़ने से सुरक्षा परिषद में यूएन के अधिकतर सदस्य देशों के उपस्थित होने के अवसर कम मिलेंगे. इसलिए हमें सभी सदस्य देशों की संप्रभुता को ध्यान में रखना चाहिए.