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पान मसाला और गुटखा कितना बढ़ेगा टैक्स.. या मेहरबानी करेगी सरकार..पढें पूरी खबर..!

(शशि कोन्हेर) : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल की बैठक शनिवार को होने वाली है. इस बैठक में विवादों को कम करने के उद्देश्य से टैक्स के प्रावधानों में स्पष्टता लाने के लिए एक दर्जन से अधिक नियमों में बदलाव पर विचार किया जा सकता है. 48वीं जीएसटी परिषद की बैठक  में पान-मसाला और गुटखा जैसी वस्तुओं पर अतिरिक्त टैक्स लगाने पर विचार हो सकता है. दरअसल, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की रिपोर्ट में गुटखा कंपनियों के टैक्स चोरी के मामले का जिक्र किया गया था. साथ ही एक्स्ट्रा टैक्स लगाने की भी बात कही गई थी, जो वस्तुओं की खुदरा कीमतों से जुड़ा होना चाहिए.

38 आइटम्स पर प्रस्ताव

बिजनेस स्ट्रैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) ने एक ‘विशिष्ट टैक्स आधारित लेवी’ का प्रस्ताव दिया है. पैनल ने कुल 38 आइटम्स पर विशिष्ट टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. इसमें पान-मसाला, हुक्का, चिलम, चबाने वाले तंबाकु जैसे आइटम्स शामिल हैं. इन आइटम्स के खुदरा बिक्री प्राइस पर 12 फीसदी से लेकर 69 फीसदी तक अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. फिलहाल इनपर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है.

टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी

ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी के नेतृत्व में मंत्रिस्तरीय पैनल ने इस मुद्दे पर अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है. इसे शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक में पेश किए जाने की संभावना है. अगर रिपोर्ट को मंजूरी मिल जाती है, तो इन क्षेत्रों में रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर दोनों के स्तर पर राजस्व के लीकेज को रोकने में मदद मिलेगी.

पैनल ने पाया कि ऐसी वस्तुओं की सप्लाई चेन के बाद के स्टेज में अधिक राजस्व लीकेज मौजूद है. चूंकि ज्यादातर खुदरा विक्रेता छोटे हैं और अनिवार्य जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा से नीचे हैं, इसलिए उनका पता लगाना मुश्किल है. इस वजह से पैनल ने फैसला किया कि रेवेन्यू के पहले स्टेज (मैन्युफैक्चर लेवल) में ही टैक्स कलेक्शन को बढ़ा दिया जाए.

कितना बढ़ेगा टैक्स?

प्रस्तावित दर को ऐसे समझ लेते हैं. मान लीजिए कि किसी पांच रुपये के पान-मसाला के पैकेट पर निर्माता 1.46 रुपये जीएसटी का भुगतान कर रहा है. फिर डिस्ट्रीब्यूटर 0.88 रुपये का भुगतान करता है. इस तरह कुल 2.34 रुपये का टैक्स का भुगतान हुआ. अब प्रस्तावित कदम के अनुसार, टैक्स आउटगो कमोबेश 2.34 रुपये रहेगा. लेकिन निर्माता 2.06 रुपये और वितरक और खुदरा विक्रेता 0.28 रुपये का भुगतान करेगा.

वित्त मंत्रालाय ने ट्वीट किया- ‘जीएसटी काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी. बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.’

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