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नीतीश कुमार से  पी.के  ने पूछा सवाल… तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 2025 का इंतजार क्यों… अभी क्यों नहीं..?

(शशि कोन्हेर) : शिवहर :  कभी जदयू का हिस्‍सा रह चुके प्रशांंत किशोर इन दिनों जन सुराज पदयात्रा से बिहार की जनता के दिलों में अपने लिए जगह तलाश रहे हैं। वहीं, वे राज्य सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर भी लगातार तीखे हमले कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि बिहार नीतीश कुमार की जागीर नहीं है, जो किसी को भी मुख्यमंत्री बना दें। किसको गद्दी पर बैठाना है यह जनता तय करेगी।

उन्होंने सवाल उठाया कि 2025 क्यों अभी ही तेजस्वी को सीएम बना दें, ताकि बिहार की जनता तेजस्वी की काबिलियत को देख सके। तेजस्वी के पास भी तीन साल काम करने का अवसर रहेगा और बिहार की जनता भी देख सकेगी कि तीन सालों में तेजस्वी यादव कितना काम कर पाते हैं।

‘अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं नीतीश कुमार’
पुरनहिया प्रखंड के सोनौल सुल्तान हाईस्कूल में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार और तीर छाप के बटन में अब दम नहीं है। वहीं, नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। उन पर उम्र हावी है और वे सामाजिक और राजनीतिक तौर पर हताश हो चुके हैं। इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि जदयू एक डूबता जहाज है और नीतीश कुमार की विश्वसनीयता प्रधानमंत्री बनने लायक तो बिल्‍कुल नहीं है।

दस लाख नौकरियों को लेकर तेजस्‍वी को घेरा
तेजस्वी यादव के दस लाख नौकरी देने के वादे पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव की कलम टूट गई है या स्याही सूख गई है। बीटेट-सीटेट पास लड़कों को डाक बंगला चौराहे पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इन नेताओं को अगर दस लाख नौकरी देनी ही होती तो पहले ही दे चुके होते। झूठे वादे करना, लोगों को बरगलाना और भ्रम में रखना इनकी पुरानी आदत है।

पीके बोले कि दो जिलों के भ्रमण में मैंने देखा कि 60 प्रतिशत से अधिक युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन कर गए हैं। वहीं, देश के अग्रणी राज्यों में सीडी रेशियो का अनुपात 90 प्रतिशत तक है, जबकि बिहार में महज महज 40 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि अगर बिहार में लोग 100 रुपए बैंक में जमा करते हैं तो उसमें से केवल 40 रुपए बिहार के लोग ऋण के तौर पर ले सकते हैं।

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