(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – बिलासपुर पुलिस ने जिस फ़िल्मी अंदाज मे संजू त्रिपाठी हत्या कांड क़ी गुत्थी सुलझाई है,वह किसी एक्शन फ़िल्म क़ी स्टोरी से कम नहीं है.इस केस के इन्वेस्टीगेशन के लिए एसएसपी के नेतृत्व मे काम करने वाली 22 पुलिस अधिकारियो और जवानो क़ी जम्बो टीम ने,दिन रात एक करके अलग अलग दिशाओ से आरोपियों को खोज निकाला.तस्वीर मे देखकर आप साफ समझ सकते है क़ी एसएसपी पारुल माथुर के लिए जल्द से जल्द इस हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ना महत्वपूर्ण हो गया था.
रोजाना मीडिया की सुर्खियां बन रहे संजू त्रिपाठी हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने में एसएसपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. बंद कमरे में अधिकारियों की टीम ने टीम वर्क कर, कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए दिन रात एक कर दिया. नतीजा यह रहा कि लखनऊ से कपिल त्रिपाठी की गिरफ्तारी की खबर के बाद पुलिस की जान में जान आई. और फिर एक के बाद एक सभी आरोपी क्रमबद्ध तरीके से पकड़े गए. संजू त्रिपाठी हत्याकांड की जो कहानी थी उसको आरोपियों द्वारा दूसरे तरीके से पेश करने की योजना थी।
लेकिन पुलिस की जांच कार्रवाई के आगे आरोपियों के द्वारा बुना गया जाल काम नहीं आया. और अपने मकड़जाल में आरोपी एक के बाद एक फंसते चले गए. एसएससी पारुल माथुर, आईपीएस संदीप पटेल, सहायक पुलिस महानिरीक्षक दीपमाला कश्यप, निरीक्षक परिवेश तिवारी, हरविंदर सिंह,पौरुष पुर्रे, उप निरीक्षक फैजुल होदा शाह, मनोज नायक प्रसाद सिन्हा, शांत कुमार,अजय वारे, प्रभाकर तिवारी सहित टीम मे शामिल सदस्यों ने पूरी मेहनत लगन के साथ काम किया, और आरोपियों को ढूंढ निकाला. हत्याकांड को अंजाम देने से लेकर बचने और छिपने की पूरी स्क्रिप्ट पहले ही तैयार कर दी गई थी. लेकिन बिलासपुर पुलिस भी उनसे एक कदम आगे निकली.
कहते हैं ना आरोपी कितने भी शातिर क्यों न हो सुराग छोड़ ही देता है. बिलासपुर पुलिस के हाथ जितने भी मैसेज लग रहे थे पुलिस तत्काल उस एंगल पर काम करना शुरू कर रही थी. परिणाम के तौर पर पुलिस के सामने आरोपियों की धुंधली तस्वीर नजर आ रही थी. जैसे-जैसे पुलिस अपनी दिशा की ओर बढ़ रही थी आरोपी नजदीक दिखाई दे रहे थे.
पुलिस महा निरीक्षक बद्रीनारायण मीणा भी पूरे घटनाक्रम पर अपनी नजर बनाए हुए थे. और अपने मातहतों को दिशा निर्देश दे रहे थे. एसएसपी के नेतृत्व में काम करने वाली पूरी टीम ने जो कमाल कर दिखाया काबिले तारीफ है. क्योंकि इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड की गुत्थी को इतने कम समय में समझा पाना किसी करिश्मा से कम नहीं है. लेकिन बिलासपुर पुलिस ने जो कर दिखाया है उसकी हर तरफ चर्चा है.
हालांकि इस पूरी कहानी में पुलिस की तारीफ ए काबिल भूमिका में बस एक बात रह गई कि “काश..! इस हत्याकांड में सुपारी लेकर बाहर से आने वाले शूटरों की गिरफ्तारी भी हो जाती तो सोने में सुहागा हो जाता”.. बहरहाल, जानकारी मिली है कि शूटर भी बिलासपुर पुलिस की रडार में हैं. और बहुत जल्द कानून के लंबे हाथ उनकी गर्दन तक पहुंच ही जाएंगे।