क्या अपनी मां मेनका गांधी के साथ भाजपा से बाहर जाएंगे वरुण गांधी..?
(शशि कोन्हेर) : भाजपा सांसद वरुण गांधी बीते चार-पांच साल से जिस तरह भारतीय जनता पार्टी और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं उससे उनकी भाजपा से बिदाई के आसार दिखाई दे रहे हैं। दरअसल दो बार के सांसद और भाजपा के फायर ब्रांड नेता माने जाने वाले वरुण गांधी खुद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानने लगे थे। लेकिन भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। बस उसी दिन से वरुण गांधी भाजपा के भीतर भाजपा के विरोधी की भूमिका निभा रहे हैं।
चाहे किसान आंदोलन हो या गन्ना किसानों का मामला अथवा और भी कोई मसला.. वरुण गांधी योगी आदित्यनाथ सरकार और मोदी सरकार के विरोध में बोलने से परहेज नहीं करते। आश्चर्य होता है कि पार्टी की नीतियों और सरकार के खिलाफ इतना मुखर होने के बावजूद भाजपा वरुण गांधी पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है..? अंदरखाने खबर यह है कि भारतीय जनता पार्टी अगले लोकसभा चुनाव के दौरान ही वरुण गांधी को ठिकाने लगाने की मानसिकता बना ली है।
ऐसा लगता है कि श्री गांधी का ठीक वैसा ही हश्र होगा जैसा भाजपा में बड़बोले शत्रुघ्न सिन्हा का हुआ था। शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी में सीधे-सीधे बाहर निकालने की बजाय ऐसी स्थितियां पैदा कर दी कि उनका भाजपा में रहना मुश्किल हो गया और खुद ब खुद पार्टी से इस्तीफा देकर बाहर निकल गए। ऐसा लगता है कि वरुण गांधी ने अगर ढाई घर की अपनी चाल नहीं बदली तो उनकी भी ऐसी ही गति हो सकती है