केंद्रीय मंत्रिमंडल में जांजगीर के सांसद गुहाराम अजगले को लेने की सुगबुगाहट
(शशि कोन्हेर) : केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ में भी चर्चाएं जोरों से हो रही है। लोग अपने अपने अनुमान और अपने-अपने दावे कर रहे हैं। इस संभावित फेरबदल के जनवरी माह में ही धरातल पर उतरने के आसार बताए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ से इस फेरबदल में बतौर केंद्रीय मंत्री किस सांसद को शामिल किया जाएगा..? इस यक्ष प्रश्न के अनेकों जवाब हैं। जितने लोग उतने अनुमान लगाए जा रहे हैं।
लेकिन किन अनुमानों में जांजगीर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद गुहाराम अजगले को जिस तरह अनदेखा किया जा रहा है वह आश्चर्यजनक है। इस फेरबदल में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की संभावना दूसरे सांसदों की तुलना में कुछ अधिक ही है।। दरअसल छत्तीसगढ़ में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में साहू समाज के अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष के रूप में कुर्मी समाज के श्री नारायण चंदेल को पार्टी पहले ही ऊंचा ओहदा दे चुकी है।
वही केंद्रीय मंत्री के रूप में सरगुजा क्षेत्र की रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व कर रही है। ऐसे में चुनावी साल में श्री गुहाराम अजगले को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर चुनावी साल में सतनामी समाज को साधने की कोशिश की जा सकती है। नाम तो विजय बघेल और सरोज पांडे के भी लिए जा रहे हैं। लेकिन भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग के गणित को देखते हुए अनुसूचित जाति के सांसद गुहाराम आजगले को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावनाएं भी कम नहीं हैं।। केंद्रीय मंत्री के रूप में रेणुका सिंह प्रदेश में अपनी कोई प्रभावी छाप छोड़ने में असमर्थ रही हैं।
इसलिए उनके स्थान पर रायगढ़ की सांसद श्रीमती गोमती साय को बेहतर माना जा सकता है। मीडिया का एक वर्ग प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और रायपुर सांसद सुनील सोनी के नाम पर भी रोशनी डाल रहा है। लेकिन अभी जिस तरह प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों ही पद ओबीसी वर्ग को दिए जा चुके हैं। इसलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसी वर्ग से एक और सांसद को मंत्री बनाए जाने की बात कुछ हजम नहीं हो रही है।
बहरहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल में संभावित और बहु प्रचारित फेरबदल यदि किया जाना है तो इसमें प्रदेश के प्रभारी श्री ओम माथुर और हाल ही में छत्तीसगढ़ प्रवास के जरिए यहां के नेताओं की नब्ज जानकर लौटे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका तथा उनकी पसंदगी और नापसंदगी की भूमिका ही महत्वपूर्ण रहनी है।