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अपने ही खून से तस्वीरें बनाकर भेंट करने के जुनून (ब्लडआर्ट) पर तमिलनाडु सरकार ने लगाया प्रतिबंध

(शशि कोन्हेर) : भारत में कई मरीजों के इलाज के लिए लगने वाले ब्लड की उपलब्धता काफी कम है। क्षेत्र में देश को जितने ब्लड की जरूरत है उससे काफी कम ब्लड डोनेशन में मिलता है। एक और इस तरह खून की कमी देखने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु में एक नया फैशन चल रहा है जिसमें युवा अपने शरीर से खून निकाल कर उससे ब्लड आर्ट के जुनून में फंस गए हैं ।

हालांकि तमिलनाडु सरकार के ध्यान में आने पर इस खतरनाक ब्लडआर्ट के एक खास रूप पाबंदी लगा दी गई है. इसका संबंध फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन से नहीं, बल्कि खतरे से है. असल में लोग एक-दूसरे को खून से बनी पेंटिंग तोहफे में देने लगे थे. चलन बढ़ता ही जा रहा था. इसे देखते हुए तमिलनाडु के हेल्थ मिनिस्टर एमए सुब्रमण्यम ने ब्लड आर्ट पर बैन लगाते हुए ऐसा करने-कराने वालों पर आपराधिक कार्रवाई की भी बात की.

क्या है ब्लड आर्ट, ये जानने से पहले एक बार देश में खून की स्थिति समझते चलें. तीन साल पहले अपनी तरह की पहली स्टडी में पाया गया कि भारत के ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी है. दुनिया के 192 देशों पर लैंसेट हीमेटोलॉजी की स्टडी में कई डराने वाली बातें निकलकर आईं. जैसे हर साल दुनिया में लगभग 100 मिलियन अतिरिक्त खून की जरूरत होती है. इसमें अकेले भारत ही लगभग 40% मिलियन ब्लड से पीछे खड़ा है. डेटा आगे कहता है कि यहां डिमांड और सप्लाई में लगभग 400% का फर्क है, जिसके कारण बहुत से मामलों में खून की कमी के चलते लोग दम तोड़ देते हैं.

प्यार जताने का नया चलन
एक तरफ ब्लड बैंक खून की कमी से जूझ रहे हैं तो दूसरी ओर लोग खून से तस्वीरें बना-बनाकर गिफ्ट कर रहे हैं. कुछ नया करने में किसी भी हद तक जाने वाली युवा पीढ़ी ब्लड आर्ट को खूब पसंद भी कर रही है. प्रेमी-प्रेमिकाएं इसे अपने इमोशन्स के इजहार की तरह देखते हैं. एक तरह से ये खून से लिखे खत से भी एक कदम आगे की बात है, जिसमें खून से सीधे पेंटिंग बनाई जा रही है.

ऐसी है पूरी प्रक्रिया
ज्यादातर लोग A4 साइज के पेपर पर ब्लड आर्ट करवा रहे हैं, जिसके लिए 5 मिलीमीटर खून की जरूरत पड़ती है. वही कुछ लोग  A3 पेपर पर भी पेंटिंग चाहते हैं, जिसके लिए लगभग दोगुना खून चाहिए होता है. ये खून संबंधित आर्ट स्टूडियो को देना होता है, जहां इसे एंटी-कोग्युलेंट (ब्लड को गाढ़ा होने से रोकने वाले केमिकल) मिलाकर रखा जाता है ताकि खून कलाकार तक पहुंचते हुए जमकर खराब न हो जाए. कलाकार के पेंटिंग बनाने के बाद स्टूडियो ही इसे क्लाइंट तक पहुंचाता है.
बहरहाल तमिलनाडु सरकार ने इस पर जिस तरह से सख्त प्रतिबंध लगाया है उससे उम्मीद ही की जा सकती है कि युवाओं में शुरू हुआ यह खतरनाक चलन बंद  या कम होगा।

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