और इस तरह औंधे मुंह गिर गया लोरमी नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा का अविश्वास प्रस्ताव
(शशि कोन्हेर) : मुंगेली जिले के लोरमी में आज 23 जनवरी को लोरमी नगर पंचायत अध्यक्षा, अंकिता रवि शुक्ला एवं पदाधिकारियों तथा उनके समर्थक पार्षदों व पार्टी कार्यकर्ताओं में उस वक्त हर्ष की लहर दौड़ गई। जब विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बुरी तरह ध्वस्त हो गया। काबिले गौर है कि लोरमी नगर पंचायत में कुल 15 सदस्य हैं। आज अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इस बैठक में मात्र 6 पार्षद ही उपस्थित रहे।
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए तैनात अधिकारी ने यह व्यवस्था दी कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के लिए कम से कम 15 में से 8 सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है। लेकिन आज हुई बैठक में लोरमी पंचायत के 15 सदस्यों में से कांग्रेस के छह और अध्यक्ष अंकिता रवि शुक्ला समर्थक 3, इस तरह नौ पार्षद बैठक में गए ही नहीं। इसके कारण बैठक स्थल पर मात्र छह पार्षद (5 भाजपा के और एक जोगी कांग्रेस के समर्थित पार्षद) ही मौजूद रहे। बैठक में इतनी कम संख्या अर्थात केवल 6 पार्षद उपस्थित रहने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर विचार और मतदान के लिए तैनात अधिकारी के द्वारा व्यवस्था दी गई कि ऐसी स्थिति में मतदान नहीं हो सकता। इस स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव बुरी तरह ध्वस्त हो गया। क्योंकि उस के पक्ष में मतदान करने के लिए कोई पहुंचा ही नहीं केवल भाजपा के 5 और जोगी कांग्रेस का एक पार्षद ही बैठक में मौजूद था।। इस स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव स्वयमेव ध्वस्त हो गया। अविश्वास प्रस्ताव के इस हादसे से भारतीय जनता पार्टी और जोगी कांग्रेश के लोगों के चेहरे मायूस हो गए जबकि अध्यक्ष के समर्थित पार्षद और कार्यकर्ता उत्साह उमंग और जोश के साथ जीत के नारे लगाते रहे।