मां और पिता की हत्या के आरोपी संदीप जैन को मृत्युदंड की सजा…..
(शशि कोन्हेर) : दुर्ग – नगपुरा तीर्थकर के प्रमुख ट्रस्टी रावलमल जैन और उनकी पत्नी सूरजी बाई के चर्चित हत्याकांड पर अंतत:कोर्ट ने इकलौते बेटे संदीप जैन को दोषी पाया। आरोपी संदीप जैन को न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी के कोर्ट से मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। घटना गंजपारा स्थित उनके निवास पर 31 दिसंबर 2018 को हुई थी। संदीप ने पहले अपने माता-पिता की हत्या की साजिश रची। इसके बाद गोली मारकर दोनों को मौत के घाट उतार दिया।
इस हत्या में संदीप के दो सहयोगी भगत सिंह गुरुदत्ता और शैलेंद्र सागर को 5-5 साल की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने 310 पेज में लिखा कि मनुस्मृति के महर्षि मनु पिता की असीम महिला का वर्णन करते हुए कहते हैं – उपाध्यायन्दशााचार्य आचार्याणां शंतपित। सहस्त्रंतु पितृन माता गौरवेणातिरिच्यते ।। अर्थात, दस उपाध्यायों से बढ़कर आचार्य, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता और एक हजार पिताओं से बढ़कर माता गौरव में अधिक है यानी बड़ी है।
जन्मदाता की हत्या करने वाले आरोपी बेटे संदीप जैन को मृत्युदंड के दंड से दंडित किया जाना ही एकमात्र उचित एवं पर्याप्त दंड होगा। आरोपी के भांजे सौरभ गोलछा की शिकायत पर पुलिस ने मामले में अपराध पंजीबद्ध किया था। 28 मार्च को चालान पेश किया गया। इसके बाद से लगातार मामले में विचारण जारी रहा। सोमवार को दोष सिद्ध पाया गया।