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पाकिस्तान ने मांगा 10 अरब डालर…अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने धेला-पाई देने से भी किया इंकार

(शशि कोन्हेर) : इस बात के आसार हर दिन बढ़ते दिखाई दे रहे हैं कि पाकिस्तान आने वाले समय में कभी भी दिवालिया घोषित हो सकता है। पाकिस्तान का कर्ज उसके कुल जीडीपी से कई गुना अधिक हो चुका है। हालत यह है कि उसे कर्ज और ब्याज चुकाने के लिए फिर से कर्ज लेना पड़ रहा है। आर्थिक बदहाली झेल रहे पड़ोसी देश पाकिस्तान से बड़ी खबर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले आईएमएफ ने पाकिस्तान से बजट के संबंध में अतिरिक्त जानकारी मांगी थी। पाकिस्तान को 10 अरब डॉलर के विदेशी ऋण का तत्काल जरूरत है।

आईएमएफ के इस कदम से वहां के सरकारी कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी चर्चा है कि शहबाज शरीफ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी कटौती की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

IMF ने पाकिस्तान से ऐसे समय में पल्ला झाड़ा है, जब वहां आर्थिक संकट बद से बदतर हालत में जा पहुंचा है। आईएमएफ ने संकटग्रस्त देश की मदद के लिए बचाव दल भेजने से भी इनकार किया है। शहबाज शरीफ सरकार ने आईएमएफ से समीक्षा पूरी करने के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध किया था। अटकलें लगाई जा रही थीं कि आईएमएफ पाकिस्तान को आर्थिक संकट से निपटने में आर्थिक मदद कर सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पाकिस्तान के अनुरोध को ठुकरा दिया।

पाकिस्तान ने आर्थिक बदहाली से उबारने के लिए आईएमएफ सहित विभिन्न देशों से संपर्क किया था। पाकिस्तान पिछले कई वर्षों में सबसे खराब स्थिति से जूझ रहा है। हाल के दिनों में वहां गैस की कीमतों में 70 फीसदी और बिजली बिलों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।

पाकिस्तान सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती करने की भी योजना बना रहा है। इसके अलावा सरकार संकट से निपटने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। मंत्रालयों पर खर्च में 15 प्रतिशत की कटौती करने को कहा गया है। इनके अलावा संघीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को भी कम खर्च करने को कहा गया है।

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