सब इंस्पेक्टर सहित 8 पदों पर भर्ती के लिए सैकड़ों आवेदक आएंगे आज बिलासपुर… कहां है प्रशासन और सामाजिक संगठन.. क्या इतना निर्दयी है बिलासपुर.. इन्हें ठहराने का इंतजाम तो हो ही सकता है..!
(शशि कोन्हेर के साथ दिलीप जगवानी) : बिलासपुर। आज फिर रात भर और कल पूरे दिन नौकरी के लिए परीक्षा देने वाले सैकड़ों लोग बिलासपुर की सड़कों फुटपाथ बगीचों और रेलवे प्लेटफार्म तथा सड़क किनारे रहने को मजबूर होंगे। यह सभी हमारे अपने बच्चे हैं। जो रोजगार की तलाश में यहां वहां परीक्षा देते घूम रहे हैं। कल रविवार जनवरी को बिलासपुर में पुलिस विभाग के सब इंस्पेक्टर सहित 8 पदों पर भर्ती के लिए विभिन्न सेंटरों में परीक्षा आयोजित की गई है। हालांकि पूरे प्रदेश में इस परीक्षा में 22 500 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठने वाले हैं। इनमें से जिले के 58 परीक्षा केंद्रों में 2104 अभ्यर्थी (आवेदक) परीक्षा देंगे। आज देर शाम से बिलासपुर पहुंच जाएंगे। इन्हें बिलासपुर जिले के 58 केंद्रों में कल रविवार को एक पारी में सुबह (10 बजे से 12.15 तक) होने वाली परीक्षा में शामिल होना है। जाहिर है कि सैकड़ों आवेदक परीक्षा देने आज देर रात तक बिलासपुर शहर पहुंच जाएंगे। देखा गया है कि ऐसी परीक्षाओं के दौरान बहुत बड़ी संख्या में आने वाले विद्यार्थियों के लिए ना तो प्रशासन की ओर से और ना ही बिलासपुर शहर के बड़े-बड़े स्वनामधन्य सामाजिक संगठनों की ओर से कोई भी सहयोगात्मक पहल नहीं की जाती। बिलासपुर में सभी सामाजिक संगठनों के अपने अपने सामुदायिक भवन हैं।
इसके अलावा नगर निगम तथा शासन के भी सामुदायिक भवन है। इन सामुदायिक भवनों में बाहर से परीक्षा देने के लिए आने वाले परीक्षार्थियों की बड़ी संख्या के ठहरने की व्यवस्था तो हो ही सकती है। कल रविवार को बिलासपुर की लड़कों पर सैकड़ों की संख्या में परीक्षार्थी अपने परीक्षा केंद्र का पता ठिकाना पूछते भटकते नजर आएंगे। शहर के प्रमुख जगह पर पूछताछ केंद्र बनाकर उन्हें परीक्षा केंद्रों के मामले में मार्गदर्शन दिया जा सकता है। कायदे से प्रशासन को सामुदायिक भवन वाले सभी सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाकर और उन्हें इस बाबत निर्देश देने चाहिए कि वे अपने सामुदायिक भवनों के दरवाजे परीक्षार्थियों के लिए खुले रखें। कुछ दान जाता समाज सेवी संगठन इनके लिए बिस्तर भोजन अथवा नाश्ते की भी व्यवस्था कर सकते हैं। बिलासपुर का दिल बहुत बड़ा है। इसके बावजूद परीक्षा के लिए आने वाले विद्यार्थियों के साथ हमारा रुखा बर्ताव क्यों रहता है इसकी चिंता करनी चाहिए।