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मुसलमानों को इस्लामिक काम करने की जितनी आजादी भारत में है उतनी और कहीं नहीं…एक मुस्लिम स्कॉलर ने किया दावा..!

(शशि कोन्हेर) : हमारे देश और दुनिया के जो लोग भारत पर धार्मिक भेदभाव और सांप्रदायिक सोच का आरोप लगाते हैं उनके लिए इस मुस्लिम स्कॉलर का दावा आंखें खोलने जैसा है। इस मुस्लिम स्कॉलर ने दावा किया है कि भारत में मुसलमानों को इस्लामिक काम करने की जितनी आजादी है, उतनी किसी और देश में नहीं है। स्कॉलर पोनमाला अब्दुलखदेर मुसलियार, सीपीआई(एम) समर्थक एक सुन्नी मुस्लिम संगठन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में भी मुसलमानों को इस्लामिक कार्यों को करने की उतनी आजादी नहीं दी जाती है, जितनी भारत में है।

पोनमाला अब्दुलखदेर मुसलियार समस्थ केरल जाम-इय्याथुल उलमा (कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार खंड) के सचिव हैं। वे रविवार को कोझिकोड में एपी खंड के सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “जब आप दुनिया के विभिन्न देशों की जांच करते हैं, तो भारत जैसा कोई दूसरा देश नहीं है जहां हम इस्लामी काम कर सकते हैं। खाड़ी देशों में भी भारत जैसी स्वतंत्रता नहीं है। मलेशिया जैसे पूर्वी देशों में भी हमें इस्लामी काम की आजादी नहीं दिखती है, जैसा कि भारत में है। हम भारत में जो सांगठनिक कार्य कर रहे हैं, क्या वह कहीं और संभव होगा? हमारा देश जैसा कोई दूसरा देश नहीं है जो इस्लामी काम के लिए उपयुक्त हो।”

एक अन्य सुन्नी खंड IUML नेतृत्व ने पोनमाला मुसलियार की टिप्पणी पर कहा कि इस्लामी कार्य करने की आजादी संविधान की ताकत को दिखता है। आईयूएमएल के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल ने कहा कि अगर मुसलमानों को भारत में किसी खतरे का सामना नहीं करना पड़ता है, तो यह संविधान की ताकत के कारण है।

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