फौज उतारने से नहीं हटेंगे पीछे’, चीन की US को धमकी आखिर ताइवान पर क्यों बौखलाया ड्रैगन?
(शशि कोन्हेर) : चीन ने ताइवान के मसले पर अमेरिका को सख्त लहजे में चेतावनी दी है। ड्रैगन का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो वो फौज उतारने से भी पीछे नहीं हटेगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी US से अपील है कि वह ‘वन चाइना पॉलिसी’ को काफी गंभीरता के साथ ले। साथ ही दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयानों को स्वीकार करे।
दरअसल, अमेरिकी एयरफोर्स के सीनियर जनरल ने हाल ही में दावा किया था कि साल 2025 में US और चीन के बीच भयंकर युद्ध हो सकता है। चार सितारा अमेरिकी जनरल माइक मिनिहान ने कहा कि यह युद्ध ताइवान को लेकर होगा।
अमेरिकी अधिकारी के इस बयान पर चीन की ओर से सख्त प्रतिक्रिया आई है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि नए विवाद की मुख्य 2 वजहें हैं। पहली यह कि ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी अमेरिका पर निर्भर होती जा रही है।
दूसरी यह कि यूएस में कुछ लोग चीन को काबू में करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने की फिराक में हैं। निंग ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों को अपने नेतृत्व के किए गए वादों को ध्यान रखना चाहिए और ताइवान के मामले में जबरन घुसने से बचना चाहिए। अमेरिका को ताइवान के साथ सैन्य संबंधों पर भी रोक लगाने की जरूरत है।
‘चीन के पास हर एक कदम उठाने का अधिकार’
चीनी अधिकारी ने यह दोहराया कि ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है और ड्रैगन शांतिपूर्वक व ईमानदारी के साथ इसका अधिग्रहण करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा कोई वादा तो नहीं कर रहे कि चीन सेना का इस्तेमाल नहीं करने वाला है। ताइवान के एकीकरण के लिए चीन के पास यह अधिकार है कि वो हर तरह के कदम उठाए।
माओ निंग ने US पर आरोप लगाया कि वह अपने सहयोगियों पर चीन की चिप तकनीक का बहिष्कार करने का दबाव बना रहा है। अमेरिका अपने हितों को साधने के मकसद से ऐसा कर रहा है। मालूम हो कि जापान और नीदरलैंड ने आधुनिक कम्प्यूटर चिप बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री हासिल करने से चीन को रोकने के लिए US के साथ एक समझौता किया है।
सिर पर निशाना लगाने की करो तैयारी: अमेरिकी जनरल
अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ सालों से संबंध तल्ख बने हुए हैं। दोनों देश ताइवान, साउथ चाइना सी समेत कई मुद्दों पर एक-दूसरे की विचारधारा के खिलाफ हैं। अमेरिकी सैन्य अधिकारी की ओर से लिखे गए मेमो में कहा गया, ‘मैं आशा करता हूं कि गलत हूं, लेकिन मेरी अंतरात्मा कहती है कि साल 2025 में हमारी (अमेरिका-चीन) की लड़ाई होगी।’
तर्क देते हुए मिनीहान ने कहा कि अगले साल ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सैन्य आक्रामकता का बहाना देंगे। मेमो में सभी मोबाइल कमांड कर्मियों को फायरिंग रेंज में जाने के लिए एक लक्ष्य में ‘एक क्लिप फायर’ करने और ‘सिर पर निशाना लगाने’ की भी अपील की गई है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी ड्रैगन को चेताया
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी चीन को क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने में अहम ताइवान की यथास्थिति बदलने के खिलाफ चेताया था। ब्लिंकन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चीन ताइवान पर सैन्य और आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘ताइवान के संबंध में हमने पिछले कुछ साल में देखा है कि चीन ने एक फैसला किया है कि वह उस यथास्थिति को लेकर सहज नहीं है, जो दशकों से बरकरार है, जो हमारे देशों के बीच संबंधों और मुश्किल स्थिति के प्रबंधन के मामले में वास्तव में सफल रही है। हमने पिछले कुछ वर्षों में उन्हें (चीन को) देखा है… उन्होंने ताइवान पर सैन्य दबाव, आर्थिक दबाव बढ़ाया है। वे दुनियाभर के देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों से उसके संबंध काटने की कोशिश कर रहे हैं।’