मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की परेशानी का कारण बना…एमपी में शराब नीति को लेकर उमा भारती का धरना.. नई शराब नीति की घोषणा टली
(शशि कोन्हेर) : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के सामने नई चुनौती सामने आ गई है। चुनौती इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि यह विपक्ष से नहीं बल्कि अपनी ही कद्दावर नेता और पूर्व सीएम उमा भारती ने पेश की है। शराब नीति पर लगातार सवाल उठाती रहीं उमा भारती अब एक मंदिर में धरने पर बैठ गई हैं। उमा के तेवर को देखते हुए शिवराज सरकार को कैबिनेट बैठक और आबकारी नीति के ऐलान को टालना पड़ा है। सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार को प्रस्तावित थी जिसमें 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति का ऐलान संभव था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासनिक अधिकारियों की मंगलवार को बैठक बुलाई है। सरकार ने कहा है कि इसी वजह से कैबिनेट की बैठक मंगलवार को नहीं होगी। कैबिनेट बैठक फिलहाल 2 और 6 फरवरी को प्रस्तावित है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इसे आगे भी टाला जा सकता है। दरअसल, शनिवार को उमा भारती अयोध्या नगर के पंचमुखी हनुमान मंदिर पहुंचीं और ऐलान किया कि वह तीन दिन तक यहां बैठी रहेंगी, जब तक सरकार आबकारी नीति का ऐलान करती है।
उमा ने कहा, ‘नई शराब नीति का ऐलान 31 जनवरी को सरकार करेगी और तब तक मैं यहां भगवान के पास रहूंगी।’उमा भारती ने इस मंदिर को अपने धरने के लिए इसलिए चुना क्योंकि इसके सामने एक बार और शराब की दुकान मौजूद है। पत्रकारों से बात करते हुए उमा भारती ने कहा,’एक जिसे नष्ट करना है वह (शराब दुकान) सामने है और जिससे शक्ति लेनी है वह पीछे (मंदिर) है। मैं यहां इसलिए आई हूं क्योंकि परेशान हूं। यह भगवान हनुमान और देवी दुर्गी का मंदिर है, लेकिन इसके सामने केवल 50 मीटर की दूरी पर शराब की दुकान और बार है।’
उमा भारती ने कहा कि गांधी जयंती (2 अक्टूबर) पर राज्य सरकार ने नशामुक्ति अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें वह शामिल हुईं थीं। नवरात्रि के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह शराब नीति पर उनकी राय लेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘सरकार ने कहा था कि वह महिलाओं की समस्या को जानती है और बारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयास करेगी।
शराब नीति का ऐलान टाले जाने का स्वागत करते हुए उमा भारती ने ट्वीट किया, ’21 जनवरी को शिवराज जी के साथ हुई मेरी मुलाकात में स्वयं शिवराज जी ने मुझे बताया कि 31 जनवरी को नई शराब नीति की घोषणा करेंगे क्योंकि यही नियम है। आज 31 जनवरी है, अब शायद ही आज कैबिनेट हो और शराब नीति घोषित हो यदि जनहित, महिलाओं की सुरक्षा, नौजवानों का भविष्य, उसको ध्यान में रखकर यह तारीख आगे बढ़ाई गई है तो यह बहुत स्वागत योग्य है। लेकिन मुझे तो चिंता तब तक लगी रहेगी जब तक नीति सामने नहीं आ जाएगी क्योंकि मध्यप्रदेश में भय, असुरक्षा, बीमारियां सबका कारण मुख्य रूप से शराब बनती जा रही है। मैं एक अच्छे समाचार की प्रतीक्षा में हूं।’