अभी खत्म नहीं हुए हैं अडानी के झटके.. समूह को लगा एक और बड़ा झटका.. पढ़ें पूरी खबर
(शशि कोन्हेर) : अडानी ग्रुप के लिए पिछले कुछ दिन काफी तनावपूर्ण रहे हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट का सिलसिला जारी है। समूह के लिए एक और बुरी खबर है। अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के द्वारा जारी किए गए बॉन्ड की हालत ग्लोबल मार्केट में खराब है। इसमें भारी गिरावट देखने को मिली है। विस्तार से जानने से पहले यह समझते हैं कि यह बॉन्ड होता क्या है?
क्या होता है बॉन्ड?
जब कोई व्यक्ति एक कंपनी खोलता है तो वह अपनी पूरी पूंजी लगाने की जगह लोन लेना पसंद करता है। जब वही कंपनी बड़ी हो जाती है तब वह IPO फिर FPO के जरिए पैसा जुटाने का प्रयास करता है। इन सबके अलावा कंपनियों के पास बॉन्ड इश्यू करके भी पैसा जुटाने का विकल्प रहता है।
उदाहरण के तौर पर समझें अगर, मान लीजिए मुझे 1 हजार रुपये की जरुरत है। ऐसी स्थिति में मैंने 3 सालों के लिए 10 बॉन्ड 5 प्रतिशत के ब्याज पर जारी कर दिया। लोग पैसा देकर बॉन्ड खरीद लेते हैं। इससे कंपनी का काम भी हो जाता है। और लोगों को रिटर्न भी अच्छा मिल जाता है।
अडानी समूह की कंपनियों के बॉन्ड में भारी गिरावट
ट्रेड डाटा के अनुसार अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन 3.375 प्रतिशत बॉन्ड (जुलाई 2024 में यह मेच्यौर होगा) सेकेंडरी मार्केट में सबसे अधिक नीचे गिरा है। कंपनी का बॉन्ड सेकेंडरी मार्केट में 20 सेंट्स लुढ़ककर 69.75 सेंट्स पर आ गया है।
सितंबर 2024 में मेच्यौर होने वाले अडानी ग्रीन एनर्जी का 4.375% बॉन्ड 12 सेंट्स लुढ़ककर 66.75 सेंट्स पर आ गया। हालांकि, अडानी ग्रीन एनर्जी की स्थिति अन्य दो कंपनियों के मुकाबले बेहतर है। इसमें 9 सेंट्स की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, इसके बावजूद अडानी ग्रीन और अडानी पोर्ट्स के बॉन्ड का यील्ड 30 प्रतिशत करीब है। जोकि बाजार के औसतन रिटर्न स्तर से बहुत अधिक है। बता दें, अडानी समूह ने कल यानी बुधवार की रात को अपना एफपीओ रद्द करने का ऐलान किया था।