भाजपा आदतन आदिवासी विरोधी : मोहन मरकाम
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – भाजपा की पत्रकार वार्ता पर पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण केंद्र सरकार का लिखित दस्तावेज होता जिसका परंपरागत रूप से राष्ट्रपति पठन करते है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में टीका टिप्पणी, संसदीय परंपरा का हिस्सा रहा है। विपक्ष जिन बिंदुओं से असहमत होता है उस पर टिपपणी करता है। भाजपा इसको आदिवासी राष्ट्रपति से जोड़कर संसद, संविधान और राष्ट्रपति का अपमान कर रही है। भाजपा का चरित्र ही आदिवासी विरोधी है।
भाजपा आदतन आदिवासी विरोधी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आदिवासियों को उपेक्षित रखने का षड़यंत्र तो भाजपा ने कर रखा था। भाजपा कभी नहीं चाहती कि आदिवासी आर्थिक और शैक्षणिक रूप से आत्मनिर्भर बने। भाजपा आदिवासियों को उनकी संस्कृति को हमेशा से दमन करना चाहती है। भाजपा यदि आदिवासियों का हित चाहती तो अभी तक आदिवासी समाज का आरक्षण बिल राजभवन में अटका नहीं होता। कोर्ट ने आदिवासी समाज का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटाकर 20 कर दिया था।
कांग्रेस सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आदिवासी समाज का आरक्षण फिर से 32 प्रतिशत किया। ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत, एससी का 13 प्रतिशत तथा ईडब्ल्यूएस का 4 प्रतिशत आरक्षण किया। यह आरक्षण विधेयक भाजपा के षड़यंत्र के कारण राजभवन में रोका गया है।