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LG ने CBI को दी जासूसी मामले में दिल्ली सरकार के खिलाफ जांच की अनुमति…..जानें पूरा मामला

(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर बीजेपी की जासूसी करने का आरोप लगा है. इस मामले में दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने सीबीआई को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने की अनुमति दे दी है. सिसोदिया के साथ ही छह अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज होगा, जिसमें एक आईएएस (IAS) अधिकारी भी शामिल है.


आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2015 में सत्ता में आने के बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट के तहत एक फीडबैक यूनिट बनाई थी, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों की जासूसी के लिए किया गया. एलजी दफ़्तर के अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई (CBI) की शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि फीडबैक यूनिट का इस्तेमाल नेताओं की जासूसी के लिए किया गया.

इस मसले पर दिल्ली बीजेपी आज प्रदर्शन कर रही है. बीजेपी के कई बड़े नेता हाथों में दूरबीन लेकर ITO से दिल्ली सचिवालय तक प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधुड़ी भी शामिल हैं. बीजेपी का आरोप है कि विजिलेंस डिपार्टमेंट के तहत इस यूनिट का गठन विरोधी पार्टी के नेताओं पर नजर रखने के लिए किया गया है.

बीजेपी ने कहा कि फीडबैक यूनिट के गठन के वक्त एक करोड़ रुपये दिए गए. इस फंड का नाम सीक्रेट सर्विस फंड रखा गया. एफबीयू का हेड भी पैरामिलिट्री फोर्स से रिटायर्ड अधिकारी को बनाया गया था. बीजेपी अब मांग कर रही है कि इस पर जो खर्च किया गया, उसकी रिकवरी भी मनीष सिसोदिया से की जाए.

सूत्रों के मुताबिक एलजी (LG) ने सवाल  उठाए कि 29 सितंबर 2015 को फीडबैक यूनिट बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया. खुद मुख्यमंत्री ने ये प्रस्ताव रखा, लेकिन इसके साथ कोई कैबिनेट नोट नहीं दिया गया. लगता यही है कि इसे एक प्राइवेट गुप्तचर संस्था की तरह बनाया गया.

फरवरी 2016 से एफबीयू ने काम करना शुरू किया, उस वक्त इसमें 17 लोग काम करते थे, ये सभी अनुबंधित कर्मचारी थे. ये सभी पैरामिलिट्री फोर्स और IB जैसे एजेंसी से रिटायर्ड थे. सात महीने ही ये FBU काम कर सकी. फिर खुद विजिलेंस डिपार्टमेंट ने इसकी शिकायत की और इसे भंग कर दिया गया.

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