उत्कल एक्सप्रेस के पैंट्रीकार में जमीन पर पडे झूठे के बीच में खुला रखी रहती हैं, चावल दाल, रोटी और सब्जियां..!
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : ट्रेनों की लेटलतीफी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है निर्धारित समय से 2 से 3 घंटे विलंब से ट्रेनें स्टेशन पहुंच रही है यही वजह है कि ट्रेनों के विकास में रखा भोजन भी बासी होते जा रहा है, जिसकी शिकायत यात्रियों द्वारा लगातार की जा रही है।
उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के पेंट्रीकार में निरंतर अव्यवस्था उजागर हो रही है। दो से तीन तरह की पकी सब्जियां खुले में पड़ी हुई थी। चावल भी आधा ढका हुआ था। जिस जगह पर इन्हें रखा गया था उसके आसपास जूठा व गंदगी पसरी थी।
पेंट्रीकार के कर्मचारियों द्वारा इस अव्यवस्था को लगातार
नजरअंदाज किया जा रहा था। इस स्थिति में रखे भोजन को यदि यात्री खाते हैं, तो इसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ेगा। वही पेंट्रीकार के कर्मचारियों का कहना है कि ट्रेनों की लेटलतीफी के चलते यह समस्या बनी हुई है।
जिसके चलते यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।