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कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के 10 आकांक्षी’, सिद्धारमैया और शिवकुमार के बाद परमेश्वर ने ठोकी ताल

(शशि कोन्हेर) : आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सिद्धारमैया और शिवकुमार के बाद अब एक और कांग्रेसी नेता ने खुद को सीएम पद की रेस में शामिल किया है।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में खुद को पेश करते हुए वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस के कम से कम 10 नेता मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं और वह भी उनमें से एक हैं। उन्होंने कहा, “मैं राजनीति में क्यों हूं? सत्ता में आने पर सभी की आकांक्षाएं होती हैं। हमारी पार्टी में लगभग 10 नेताओं की (मुख्यमंत्री बनने की) आकांक्षाएं हैं और मैं उनमें से एक हूं।”

शिवकुमार और सिद्धरमैया पहले से ही रेस में हैं

कर्नाटक में इसी साल अप्रैल-मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पांच बार के विधायक परमेश्वर ने कहा कि पार्टी के चुनाव जीतने के बाद पार्टी आलाकमान अगले मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेगा और कहा कि मौका दिए जाने की स्थिति में वह तैयार हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार और विधायक दल के नेता सिद्धरमैया कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में पहले से ही मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षाएं पाले हुए हैं और अपनी आकांक्षाओं को लेकर काफी मुखर भी हैं।

कांग्रेस के सत्ता में आने पर एक दलित को मुख्यमंत्री बनाये जाने की संभावना के संबंध में एक सवाल पूछे जाने पर परमेश्वर ने कहा, ‘‘हम किसी की जाति के आधार पर मुख्यमंत्री नहीं बनाते, उस समय की स्थिति में जो भी सक्षम होता है, जो भी पार्टी के अभियान और उसके सिद्धांतों को पूरा करने की क्षमता रखता है, उसके आधार पर मुख्यमंत्री चुना जाता है। इसका चयन इसके आधार पर नहीं किया जाता कि कोई दलित है या अन्य जाति से है।’’

उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं परमेश्वर

परमेश्वर एक दलित नेता हैं। वह एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के दौरान उपमुख्यमंत्री थे। परमेश्वर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए संभावनाएं ‘बहुत अच्छी’ हैं और विश्वास है कि पार्टी 100 फीसदी सरकार बनाएगी और ‘‘सभी सर्वेक्षण भी हमें आगे दिखा रहे हैं।’’

2013 में, जब कर्नाटक में एक दलित मुख्यमंत्री की मांग थी, तब परमेश्वर (तत्कालीन कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष) समुदाय का एक लोकप्रिय चेहरा थे। वे तुमकुरु जिले में कोराटागेरे सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में वह हार गए जिससे सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्हें सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार में एमएलसी और मंत्री बनाया गया था। जेडी (एस) के साथ गठबंधन सरकार के दौरान, परमेश्वर उपमुख्यमंत्री थे।

गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए, परमेश्वर ने कहा, “हम (कांग्रेस) किसी की जाति के आधार पर मुख्यमंत्री नियुक्त नहीं करते हैं। जो किसी भी स्थिति में सक्षम है, जो भी पार्टी के मिशन और उसके सिद्धांतों को पूरा करने की क्षमता रखता है, उसे मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाएगा, न कि इस आधार पर कि कोई दलित है या किसी अन्य जाति से है।”

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