बिलासपुर

उसलापुर ओवर ब्रिज के पास भाजपा के चक्का जाम आंदोलन में कार्यकर्ताओं पर क्यों जमकर भड़के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल..?

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के आव्हान पर पूरे राज्य की तरह बिलासपुर में भी कई स्थानों भर चक्का जाम आंदोलन का आयोजन किया गया। रायपुर रोड पर स्थित भोजपुरी टोल प्लाज़ा के पास पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक की अगुवाई में और बिलासपुर के उसलापुर ओव्हरब्रिज के पास पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल की अगुवाई में धरना प्रदर्शन और चक्का जाम का आयोजन था। इसी तरह मस्तूरी क्षेत्र में पूर्व मंत्री डॉ कृष्णमूर्ति बांधी की अगुवाई में तथा सकरी में भी चक्का जाम आंदोलन रखा गया था।

इन सभी स्थानों पर दोपहर को 12 बजे से 2 बजे तक चक्का जाम तथा प्रदर्शन किया जाना था। उसलापुर ओव्हरब्रिज के पास शुरू हुए चक्का जाम और धरना प्रदर्शन में पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल भी पहुंचे हुए थे। यहां भाजपा के पश्चिम मंडल के द्वारा आयोजन किया गया था। लेकिन ऐन वक्त पर धरना आंदोलन पर बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच सेल्फी और फोटो सेशन का जुनून शुरू हो गया। इससे धरना और चक्का जाम स्थल पर अव्यवस्था और अफरा तफरी सी मच गई। जिसके कारण चक्का जाम भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाया और गाड़ियों का आना-जाना चलता ही रहा। इस अव्यवस्था को देखकर पूर्व मंत्री काफी नाराज हो गए। वे बार-बार खडे़ होकर कार्यकर्ताओं को समझाने तथा नियंत्रित करने का प्रयास करते रहे। लेकिन धरनास्थल पर माहौल अनुशासित नहीं हो पाया। इस पर श्री अग्रवाल नाराज होकर पहले तो खड़े हुए और कुछ कार्यकर्ताओं को जमकर खरी खरी सुनाई। इसके बाद वे अपनी गाड़ी में बैठ कर वहां से वापस लौट गए।

इस उखड़े उखड़े से माहौल को देखकर उसलापुर ओवरब्रिज के पास चक्का जाम और धरना प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता, पूर्व मंत्री की नाराजगी को देख सकते में आ गए। इसका नतीजा यह हुआ कि श्री अमर अग्रवाल के धरना स्थल से वापस लौटते ही वहां मौजूद अधिकांश कार्यकर्ता भी एक-एक कर खिसकने लगे। और कुछ ही देर में पूरा धरना स्थल खाली हो गया। कायदे से पूरे प्रदेश की तरह यहां भी धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम दोपहर को 12 से 2 बजे तक चलना था। लेकिन उसलापुर ओवरब्रिज में धरना प्रदर्शन और चक्का जाम 12:30 बजे तक ही समाप्त हो गया।

दोपहर 1 बजे तक वहां से तंबू टेंट भी हटा लिए गए। इसका खामियाजा उन प्रेस फोटोग्राफरों और पत्रकारों को भी भुगतना पड़ा जो 1 बजे के आसपास धरना आंदोलन को कवर करने उसलापुर ओवरब्रिज पहुंचे। लेकिन तब तक वहां का नजारा ही बदल गया था। धरना प्रदर्शन और चक्काजाम के लिए पहुंचे कार्यकर्ता 12:30 बजे ही वहां से लौट गए थे। और इसके साथ ही टेंट और तंबू भी उठा लिए गए तथा वहां से गाड़ियों की आवाजाही सामान्य रूप से शुरू हो चुकी थी।

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