छत्तीसगढ़

हर हर महादेव के जयघोष के साथ ही बिलासा महोत्सव का हुआ शानदार आगाज

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर:-छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कहे जाने वाले बिलासा दाई की नगरी बिलासपुर में 33 वें बिलासा महोत्सव का रंगारंग शुभारंभ हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि पूरे प्रदेश में बिलासा महोत्सव ही एकमात्र महोत्सव है जो एक कला मंच द्वारा लगातार 33 वर्षों से आयोजित हो रहा है।

बिलासपुर निवासियों को अपनी संस्कृति और गीत संगीत सुनने जानने और देखने का अवसर देता रहा है बिलासा कला मंच।अध्यक्षता करते हुए महापौर रामशरण यादव ने कहा कि 32 वर्षों तक लालबहादुर स्कूल मैदान में आयोजित यह महोत्सव पहली बार देवकीनंदन स्कूल में दर्शकों की भीड़ में होते देखकर अपार खुशी हो रही है।ये इस महोत्सव के प्रति लोगों का प्यार,जुड़ाव और बिलासा कला मंच के डॉ सोमनाथ यादव और उनकी टीम के अथक परिश्रम का फल है।

अध्यक्ष जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रमोद नायक,जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान,अरपा बेसिन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभयनारायण राय और बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष वीरेंद्र गहवई ने महोत्सव के सफलता पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अंचल के लोक कलाकारों को ये महोत्सव किसी कुम्भ से कम नहीं लगता।

लोकगीत, लोकसंगीत और लोकवाद्य का अद्भुत छटा बिखेरती यह महोत्सव छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जिंदा बनाए रखी है।मंच के संस्थापक डॉ सोमनाथ यादव ने 33 वें बिलासा महोत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अतिथियों के हाथों से विभिन्न विभूतियों का सम्मान कराया जिसमें नदी कोष मर्मज्ञ डॉ ओमप्रकाश भारती वर्धा को नदी मित्र सम्मान,दिनेश गुप्ता को बिलासा लोककला सम्मान,दुर्गा प्रसाद पारकर भिलाई को बिलासा साहित्य सम्मान,अक्षय नामदेव को बिलासा सेवा सम्मान,सचिन यादव को बिलासा शिक्षा सेवा सम्मान,प्रवीर भट्टाचार्य और अखिल वर्मा को बिलासा पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। देवार और भरथरी गीतों के सशक्त हस्ताक्षर श्रीमती रेखा देवार ने पारम्परिक वेशभूषा में अपनी गायन से लोगों का मन मोह लिया वहीं हमर पारा तुँहर पारा के गायक सुनील मानिकपुरी के गीतों से लोग झूमने नाचने लगे।

लोगों के के उत्साह को देखकर सुनील जी ने लोकप्रिय गीत हमर पारा तुँहर पारा गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।बिलासपुर शहर की लोकप्रिय टीम मनभौरा के लालजी श्रीवास और उनके साथियों ने बारहमासी गीतों के द्वारा सबका मन मोहा।

कार्यक्रम का शानदार संचालन रश्मि गुप्ता और महेंद्र ध्रुव ने किया।इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष महेश श्रीवास,डॉ विनय कुमार पाठक, डॉ सुधाकर बिबे,डॉ अजय पाठक, चंद्रप्रकाश बाजपेयी,राघवेंद्र धर दीवान,रामेश्वर गुप्ता, यश मिश्रा,दिनेश्वर राव जाधव, देवानंद दुबे,अश्विनी पांडे,नरेंद्र कौशिक, विनोद गुप्ता, मनीष गुप्ता, अनूप श्रीवास,रामकुमार श्रीवास, राकेश श्रीवास,विश्वनाथ राव,डॉ जी डी पटेल,डॉ सोमनाथ मुखर्जी, सतीश पांडे,आनंदप्रकाश गुप्ता, कैलाश चंद्र अग्रवाल, एम डी मानिकपुरी,यशवंत साहू,धर्मवीर साहू,ओमशंकर लिबर्टी, प्रदीप कोशले, बद्री केंवट,अनिल व्यास सहित शहर के अनेक गणमान्य दर्शक उपस्थित रहे।कल 19 फरवरी को रायपुर के लोकरंजनी टीम के कलाकार डॉ पुरषोत्तम चंद्राकर, 90 से अधिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति देंगे संजू सेन गुंडरदेही के कलाकार, रायपुर के गौतम चौबे की प्रस्तुति लोरिकचंदा अपनी प्रस्तुति देंगे।

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