पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मिली अंतरिम बेल…..असम नहीं ले जा सकेगी पुलिस
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने द्वारका कोर्ट से कहा है कि पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी जाए, जहां उन्हें पेश किया जाना है। साफ है कि असम पुलिस अब उन्हें असम नहीं ले जा सकेगी और वह रिहा हो जाएंगे। इस मामले में मंगलवार को अगली सुनवाई होनी है, तब तक खेड़ा को नियमित जमानत के लिए आवेदन करना होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीनों एफआईआर एक ही जगह क्लब कर दी जाएं। अदालत ने कहा कि अलग-अलग जगहों पर मामले की सुनवाई करने की जरूरत नहीं है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने असम और यूपी पुलिस को नोटिस जारी किया और कहा कि उनके खिलाफ दर्ज तीनों केसों को एक ही जगह चलाया जाए। अदालत ने द्वारका कोर्ट से कहा कि अगली सुनवाई तक उन्हें अंतरिम बेल दी जाए।
शीर्ष अदालत में बहस के दौरान कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पवन खेड़ा को राहत मिलनी चाहिए। उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगानी चाहिए। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक ही जगह पर ट्रांसफर करना चाहिए। उन्होंने पवन खेड़ा ने तो इस मामले में पहले ही माफी मांग ली है और कहा है कि उनकी जुबान फिसल गई थी। वहीं असम पुलिस के वकील ने कहा कि खेड़ा को अरेस्ट करके अदालत में पेश किया जाएगा। यहां पर ट्रांजिट रिमांड मांगी जाएगी।
इस मामले को लेकर कांग्रेस भड़की हुई है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकतंत्र को हिटलरशाही में बदल दिया है। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा, ‘क्या पीएम और होम मिनिस्टर को इस मामले की जानकारी नहीं है? भारत के हालात हर दिन बिगड़ रहे हैं। लोकतंत्र खतरे में है और कानून को हवा में उड़ाया जा रहा है। वे आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी की आलोचना करते हैं, लेकिन खुद आपातकाल से भी बुरा बर्ताव कर रहे हैं।’