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पाकिस्तान को दे दो 10-20 लाख टन गेहूं, 250 रुपये में आटा देख होता है दुख: सह-सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने मांग की है कि भारत को पाकिस्तान में 10-20 लाख टन गेहूं भेज देना चाहिए। पाकिस्तान में 250 रुपये किलो आटा बिकने और उसके आर्थिक तंगी से जूझने के बीच संघ के सह-सरकार्यवाह ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले लोग भले ही हम लोगों को गाली देते हों, लेकिन हम कामना करते हैं कि वे भी सुखी हों। संघ सह-सरकार्यवाह ने अतीत में भारत-पाकिस्तान के बीच लड़े गए युद्धों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान में आटा 250 रुपये किलो हो गया। हम लोगों को दुख होता है। वे भी अपने ही देश के लोग हैं और वहां 250 रुपये में आटा बिक रहा। हम भेज सकते हैं। भारत 25-50 लाख टन गेहूं उन्हें दे सकता है, लेकिन वे मांगते ही नहीं हैं।” उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास सरप्लस गेहूं है, उन्हें दे सकता है। वहां रहने वाले 70 साल पहले हमारे साथ ही थे। इतनी दूरी का क्या लाभ है। हालांकि, चार-पांच बार पाकिस्तान युद्ध कर चुका है। फिर चाहे वह 1948 हो, 1965 हो, 1971 हो या फिर कारगिल युद्ध। इसके बाद भी भारत के लोगों के अंदर यह बात आई होगी कि वहां पर 250 रुपये में आटा हो गया है, उन्हें गेहूं दे दो। 10-20 लाख टन गेहूं भिजवा दो।”

कार्यक्रम में उन्होंने आगे कहा कि हम ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ में विश्वास करते हैं, सभी को खुश होना चाहिए। दुनिया में बहुत असहिष्णुता है। लगभग एक महीने पहले पाकिस्तान की एक मस्जिद में एक बम विस्फोट हुआ और सौ लोगों की मौत हो गई। यह आश्चर्य की बात है कि जिसने मारा और जो मर गए, वे सभी कुरान के अनुयायी थे। लड़ाई किस बारे में थी? अफगानिस्तान और सीरिया की लड़ाई ही ले लीजिए। पूरी दुनिया असहिष्णु हो गई है।

भारत करेगा पाकिस्तान की मदद? विदेश मंत्री जयशंकर ने क्या कहा


विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को उसकी आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने में मदद करने के विचार को एक तरह से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘एशिया आर्थिक संवाद’ में जयशंकर ने कहा कि वह कोई बड़ा फैसला लेते समय स्थानीय जनभावना का ध्यान रखेंगे। उन्होंने कहा, ”मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते हैं, इसकी जानकारी मुझे होगी। और मुझे लगता है कि आपको जवाब पता है।” पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और बहुपक्षीय संस्थानों से भी समझौता कराने में सफल नहीं रहा है। हाल के दिनों में, भारत ने श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की मदद की है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों का मूलभूत मुद्दा है, जिससे कोई बच नहीं सकता है और हम मूलभूत समस्याओं से इनकार नहीं कर सकते हैं।

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