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MP में डोल रही शिवराज की कुर्सी? चुनाव से पहले हो सकते हैं बड़े बदलाव

मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी जमीनी तैयारी तेज कर दी है। पार्टी की अंदरूनी रिपोर्ट में काफी मेहनत करने की जरूरत बताई जा रही है। प्रदेश में निकाली गई विकास यात्राओं के समापन के बाद केंद्रीय नेतृत्व भी राज्य की स्थिति की समीक्षा करेगा। राज्य में कुछ बदलाव भी किए जाने की संभावना है।

आपको बता दें कि फिलहाल शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही विधानसभी चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। हालांकि, बीजेपी की अंदरूनी रिपोर्ट उनकी चिंता बढ़ा सकती है। बीजेपी के लिए प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर को शांत करना आसान नहीं होगा।

मध्य प्रदेश में पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा से ज्यादा सीटें हासिल करने के बाद कांग्रेस ने कुछ सहयोगी दलों के साथ कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। हालांकि, बाद में कांग्रेस में बगावत हो गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके कई समर्थक विधायकों के इस्तीफे और भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटना पड़ा। इसके बाद भाजपा ने लगभग सवा साल बाद फिर से सरकार बना ली थी। पार्टी ने फिर से विश्वास जताते हुए शिवराज सिंह चौहान को ही मुख्यमंत्री बनाया था।

नगर निगम चुनाव में लगे थे झटके
राज्य में बीते साल हुए नगर निगम चुनावों में भाजपा को कई झटके भी लगे थे। उसके बाद पार्टी में कई स्तरों पर बदलाव की बात उठी थी, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने केवल संगठन स्तर पर ही कुछ बदलाव किए। राज्य में नए संगठन मंत्री और क्षेत्रीय संगठन मंत्री के साथ आगे की रणनीति पर काम किया जा रहा है।

काफी मेहनत करने की जरूरत
सूत्रों के अनुसार, पार्टी की अंदरूनी रिपोर्ट चुनावी दृष्टि से बहुत अच्छी नहीं है। काफी मेहनत करने और जरूरी बदलाव करने की भी बात कही जा रही है। राज्य में चल रही विकास यात्राओं के रविवार को समापन के बाद केंद्रीय नेतृत्व भी राज्य की स्थिति की व्यापक समीक्षा कर सकता है। हालांकि, समय-समय पर राज्य के भाजपा सांसद, मंत्री एवं अन्य नेता केंद्रीय नेताओं को राज्य की स्थिति से अवगत कराते रहते हैं।

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