जब अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से नाराज पूर्व फौजी नाली में बैठकर करने लगे “नाली सत्याग्रह”.. हड़बड़ाए अधिकारी.. फिर लोगों ने पूर्व फौजी को नाली से बाहर निकाल कर दूध और गंगा जल से स्नान कराया
(शशि कोन्हेर के साथ सीता टण्डन) अकलतरा – आपने अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशासन से अपनी मांगे मनवाने के लिए जल सत्याग्रह अर्थात पानी में खड़े होकर सत्याग्रह करने की खबरें तो बहुत देखी-सुनीं होंगी। लेकिन हम आपको एक ऐसे सत्याग्रह की बात बता रहे हैं जिसमें वार्ड की समस्याओं को लेकर अपने आवेदन और निवेदन पर कार्यवाही नहीं होने से नाराज पूर्व फौजी और वर्तमान पार्षद सत्याग्रह करते हुए अपने वार्ड की नाली में ही बैठ गए। यह खबर लगते ही पूरा प्रशासन दौड़ पड़ा।बात छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में स्थित अकलतरा की है। वहां फौज से रिटायर होने के बाद रहने वाले रोहित सारथी को उनकी सामाजिक गतिविधियों के कारण लोग काफी श्रद्धा और सम्मान से देखते हैं।
आम जनता ने इसी सक्रियता को देखते हुए रोहित सारथी को अकलतरा नगर पालिका के एक वार्ड का पार्षद भी बना दिया। उनके अपने वार्ड में एक मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम लोगों के सहयोग से रोहित सारथी ने अपने हाथ में लिया। लेकिन प्रशासन ने विघ्नसंतोषियों के चक्कर में आकर मंदिर के काम को रुकवा दिया। फिर अज्ञात लोगों के द्वारा रात के समय निर्माण कार्य को तोड़ दिया गया। इतना ही नहीं रोहित सारथी और उनके वार्ड के लोगों को परेशान करने के लिए 3 दिन पहले उनके वार्ड की नाली को बंद करा दिया गया। इससे पूरे वार्ड वासी परेशान हो गए।
इन सब की शिकायतें पूर्व फौजी रोहित सारथी लगातार प्रशासन से की। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर वे अपने वार्ड की नाली में ही “नाली सत्याग्रह” करते हुए बैठ गए। इसकी खबर मिलते ही प्रशासन समेत जनप्रतिनिधि हड़बड़ाए। और दो ढाई घंटे में ही मुख्य नगरपालिका अधिकारी अकलतरा श्री अजय राजपूत नायब तहसीलदार श्री विश्वकर्मा, तहसीलदार श्रीमती जयश्री पथे मौके पर पहुंचे और उनके द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन के बाद ही पूर्व फौजी ने अपना नाली सत्याग्रह खत्म किया। नाली से बाहर आने पर वार्ड वासियों ने रोहित साक्षी को दूध गंगाजल और शुद्ध जल से स्नान कराया।