बिलासपुर

अंतिम संस्कार की धार्मिक मानसिकता…डेढ़ साल से बंद है विद्युत शवदाह मशीनें, नगर निगम बेपरवाह

(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – प्रदूषण कम हो इसके लिए नगर निगम ने दो विद्युत शवदाह मशीन स्थापित किया है, लेकिन डेढ़ साल हुआ गैस चेंबर मे एक शव का अंतिम संस्कार नही किया है. सरकारी तंत्र की सुस्ती के कारण पड़े पड़े विद्युत शवदाह उपकरण को जंग लग रहा है.

बहुत सारे फायदे गिनाकर नगर निगम ने डेढ़ साल पहले शहर के दो मुक्तिधाम मे विद्युत शवदाह मशीन स्थापित किया था. इस पर 85 लाख खर्च कर दिया. परंतु दो साल होने को है इनका कभी इस्तेमाल नही हुआ, क्योंकि अंतिम संस्कार की धार्मिक मानसिकता से कोई बाहर निकलना नही चाहता और सरकारी तंत्र इसके लिए कोई प्रयास नही रहा. लिहाजा शहर मे रोजाना कई क्विंटल लकड़ी जल रहीं जिससे भारी मात्रा मे कार्बन डाईऑक्साइड निकल रहा है. पर्यावरण को कम नुकसान हो और बेहद कम समय मे लोग दिवंगत का अंतिम संस्कार कर ले ऐसा नगर निगम का उद्देश्य धरा का धरा रह गया.

सरकंडा और मधुबन मुक्तिधाम मे लगा विद्युत शवदाह सिस्टम धुल खा रहा है. लोग अंतिम क्रिया के लिए आधुनिक गैस चेंबर के बजाय लकड़ियों का उपयोग कर रहे हैं. इसमे कमी लाने नगर निगम को मानसिकता बदलने वाला सामाजिक और पर्यावरण हितैषी प्रयास करना चाहिए. वर्ना वो दिन दूर नहीं जब यहां लगे क़ीमती उपकरण चोर उच्चको के हवाले हो जाएगा.

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