छत्तीसगढ़

1 मार्च को चारामा थाना क्षेत्र के पूरी गांव के पास कार में आग लगने से पति पत्नी और दो बच्चों के जिंदा जलने की आशंका गलत साबित हुई.. पुलिस जांच के मुताबिक कार में आग लगते समय कोई भी सवार नहीं था

(शशि कोनहेर) कांकेर : 1 मार्च को चारामा थाना क्षेत्र के पूरी गांव के पास कार में भीषण आग लग गई। उस समय कार में पति पत्नी और दो बच्चे मौजूद थे। ऐसी आशंका जताई जाने लगी कि कार में लगी आग में जलकर समीर सिकदार उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की भी मौत हो गई होगी। लेकिन अब पुलिस जांच में यह बात स्पष्ट हो गई है कि जिस वक्त कार में आग लगी उस समय कार में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। यह जानकारी मिलने के साथ ही पुलिस ने कार सवार पति पत्नी और उनके बच्चों की तलाश तेज कर दी है। एसपी शलभ सिन्हा खुद चारामा में मौजूद हैं और मामले की जांच को लीड कर रहे हैं। कांकेर पुलिस की कई टीम बनाकर अलग-अलग स्थानों पर दबिश दे रही है। कांकेर से लेकर धमतरी और रायपुर तक जगह-जगह के सीसीटीवी फुटेज पुलिस खंगाले जा रहे हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर भी लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच के लिए एक टीम रवाना की गई है। एएसपी अविनाश ठाकुर ने बताया कि पुलिस लगातार प्रयास कर रही है।

सीसीटीवी फुटेज के अलावा भी अन्य चीजों पर भी जांच जारी है। पुलिस टीम रायपुर और धमतरी के सभी लॉज और होटलों में भी दबिश दे रही है। पुलिस इस मामले में जल्द लीड मिलने की बात कह रही है। मुखबिरों का जाल पुलिस ने कई जिलों में फैला दिया है।

लापता समीर सिकदार की अंतिम बार अपनी पत्नी के भाई से बात हुई थी। समीर की पत्नी जया के भाई ने बताया कि बुधवार को रात के 10 बजे उनकी बात हुई थी, तब चलती गाड़ी में ही उनके जीजा ने फोन उठाया था और खाना खाकर गुरूर से आगे निकलने की बात कही थी। उन्होंने बताया कि जीजा की बातों से बिल्कुल ये नहीं लगा था कि वे किसी भी तरह की परेशानी में हैं।

पोल्ट्री व्यवसायी समीर सिकदार अपने बिजनेस के काम से धमतरी गए थे। उनके साथ पत्नी और दोनों बच्चे भी थे। उन्हें 7 साल के बेटे दीप की आंखों का चेकअप कराना था, लिहाजा उन्होंने डॉक्टर से समय भी ले लिया था। ये परिवार दीप की आंखों के चेकअप के लिए भी गया था। परिजनों ने बताया था कि समीर सिकदार 4 लाख से अधिक रकम लेकर धमतरी के व्यापारी के पास से निकले थे।

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