महामहिम राज्यपाल महोदय…की उस “सलाह” पर पहले से ही अमल करती रही है.. बिलासपुर की महान् ट्रैफिक पुलिस.!
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। हाल ही में प्रदेश के नए महामहिम राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन ने उनसे सौजन्य भेंट करने पहुंचे पुलिस के परिविक्षाधीन अधिकारियों से कहा कि पुलिस को आम जनता के साथ “मित्रवत” होना चाहिए..! हम यह तो नहीं कह सकते कि राज्यपाल महोदय की बात पर प्रदेश की पुलिस कितना अमल करती होगी.. लेकिन हम दावे के साथ कह सकते हैं कि बिलासपुर शहर की ट्रैफिक पुलिस महामहिम राज्यपाल महोदय के मशवरे (सलाह)पर पहले से ही अमल करती रही है। यहां की ट्रैफिक पुलिस चाहे जो हो जाए…आम जनता के साथ मित्रवत (…?) व्यवहार ही करती रही है। और ऐसा नहीं है कि वह आम जनता के किसी एक वर्ग के साथ ही मित्रवत् व्यवहार करती है.. यहां की ट्रैफिक पुलिस सभी के साथ मित्रवत बर्ताव ही करती रही है।
फिर चाहे वह सड़क पर ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ऑटो चालक हों या चौक चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल की परवाह न करते हुए जानलेवा ढंग से बाइक चलाने वाले नव धनकुबेरों के साहबजादे हों.. बिलासपुर की ट्रैफिक पुलिस सभी के साथ मित्रवत् व्यवहार ही करती है…और कोई कार्रवाई नहीं करती.. ट्रक वालों के पास गाड़ी के कागजात हो अथवा ना हों। कार वालों ने इंश्योरेंस कराया हो अथवा ना कराया हो। ट्रक और कारवाले नियंत्रित अथवा अनियंत्रित चाहे जैसे भी गाड़ी चला रहे हो।
बिलासपुर की ट्रैफिक पुलिस उन पर कभी नाराज नहीं होती। छोटी मोटी बातों को लेकर बिलासपुर के ट्रैफिक वाले आम जनता के साथ अपने संबंध कतई खराब नहीं होने देते। और मित्रवत रिश्ता बनाए रखते हैं। ट्रैफिक पुलिस के इस तारीफ ए काबिल रवैये के कारण भले ही बिलासपुर में सडको पर ट्रैफिक की “ऐसी की तैसी” हो रही है। ना केवल गोल बाजार वरन सरकंडा और तिफरा जैसे इलाकों में भी सड़कों पर भीड़ भाड़ और यातायात की सुसाइडल पोजीशन के बाद भी ट्रैफिक वाले खुद पर संयम बनाते हुए मित्रवत व्यवहार को पल भर के लिए भी नहीं भूलते। आश्चर्य तब होता है..जब नेहरू चौक.. देवकीनंदन चौक और सीएमडी चौक जैसे व्यस्ततम चौराहों पर ट्रैफिक वालों की मौजूदगी में ही कोई कार बाइक वाले नियम तोड़कर रेड लाइट में भी तेजी से फर्राटा भरते हैं। तब भी बिलासपुर के ट्रैफिक वालों पर कोई असर नहीं पड़ता। गाड़ी चालकों की ऐसी बदतमीजी पर भी, ना तो उनका बीपी बढ़ता है और ना ही गुस्सा।। वे कूल डाउन ही बने रहते हैं।
कई बार तो चौक चौराहों में सड़क के किनारे खड़े ट्रैफिक के जवानों की नजर ट्रैफिक से अधिक उनके हाथ में रखे मोबाइल पर रहती है। आम जनता के साथ ऐसा मित्रवत बर्ताव करने वाली पुलिस और कहां मिलेगी। बिलासपुर के थानों में तैनात पुलिस के जवानों तथा प्रदेश भर के पुलिस के जवानों को बिलासपुर की ट्रैफिक पुलिस से यह सीख लेनी चाहिए कि चाहे जैसे भी हालात हो। कोई नियम कानून की कितनी भी धज्जियां उड़ाता हो। इसके बावजूद कोई कार्यवाही करने की बजाए बिलासपुर की ट्रैफिक पुलिस उनके साथ भी मित्रवत बनी रहती है। शायद, इसीलिए बिलासपुर के बदतमीज, लापरवाह,उद्दण्ड व ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले बाइक सवार और कार चालक मन ही मन एक नारा लगाते रहते हैं..न डर हो न भय हो बिलासपुर के ट्रैफिक पुलिस की जय हो..!