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क्या आपको पता है…लालू के परिजनों और रिश्तेदारों के आवास में पड़े छापे में कितनी चांदी…कितना सोना..कितने रुपए और कितने डॉलर मिले..?

(शशि कोंनहेर) : प्रवर्तन निदेशालय  ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव  के रिश्तेदारों के आवास पर की गई छापेमारी में बड़ी मात्रा में कई बरामदगियां की है. नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में हो रही जांच के सिलसिले में ईडी ने लालू प्रसाद यादव के परिवार, रिश्तेदार और राजद नेताओं के परिसरों पर बिहार सहित कई शहरों में छापेमारी की थी. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान 53 लाख रुपये कैश, 1,900 अमेरिकी डॉलर, लगभग 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए. छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद रहे.

दो दर्जन जगहों पर हुई छापेमारी

दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित उस ‘लाभार्थी कंपनी’ AK इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड पता है, जो इस मामले में शामिल है. ईडी के अनुसार, यादव परिवार द्वारा इसका इस्तेमाल आवासीय संपत्ति के रूप में किया जा रहा था. ईडी की यह छापेमारी पटना, फुलवारीशरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई जैसे स्थानों पर की गई जहां लालू प्रसाद की बेटियां रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव, राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना और प्रवीण जैन रहते हैं. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के एस्कॉर्ट के साथ करीब दो दर्जन स्थानों की तलाशी ली गई.

लालू प्रसाद यादव के रिश्तेदारों औऱ परिजनों के यहां हुई छापेमारी की विपक्ष ने एक स्वर में आलोचना की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘पिछले 14 घंटे से मोदी जी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर ED बैठा रखी है.उनकी गर्भवती पत्नी और बहनें को सताया जा रहा है. लालू प्रसाद यादव जी बुजुर्ग हैं, बीमार हैं, तब भी मोदी सरकार ने उनके प्रति मानवता नहीं दिखाई. अब पानी सिर के ऊपर से चला गया है.मोदी सरकार, विपक्षी नेताओं पर ED-CBI का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या का कुत्सित प्रयास कर रही है.’

शिवसेना नेता, प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा, ‘अडानी समूह और कर्नाटक के भाजपा विधायक के यहां नकदी बरामदगी पर ईडी चुप है लेकिन जब विपक्ष की बात आती है तो वह अति उत्साही हो जाती है. चाहे दिल्ली हो या बिहार, या तेलंगाना हो या फिर पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र. इसे इतिहास में स्वतंत्र एजेंसियों के सबसे काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा- जब उन्हें झुकने के लिए कहा गया तो वे रेंगने लगे.’

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. ये घोटाला उस वक्त का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे.  दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था.

लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में हाल ही में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के परिवार को समन जारी किया है. इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को 15 मार्च को अदालत में पेश होना है.

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