इंदिरा गांधी ने DMK से आपातकाल का विरोध ना करने का किया था निवेदन : एमके स्टालिन
(शशि कोंनहेर) : सीएम स्टालिन ने शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री गांधी ने करुणानिधि को यह संदेश देने के लिए अपने दूत भेजे थे कि उन्हें 1975 में लागू आपातकाल का विरोध नहीं करना चाहिए और यदि उन्होंने इस अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया तो द्रमुक सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि गांधी ने खुद को एक संकट से बचाने के लिए देश में आपातकाल लगाया था, जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई नेताओं के खिलाफ कठोर आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत मामले दर्ज किए गए. तब तमिलनाडु में हमारी सरकार थी. उस समय कलैगनार (करुणानिधि) के लिए एक संदेश आया. कहां से? दिल्ली से. मैडम इंदिरा गांधी के दूतों ने उन्हें सूचित किया कि आपको आपातकाल का विरोध नहीं करना चाहिए और यदि विरोध किया तो, द्रमुक सरकार एक सेकंड में गिर जाएगी. हालांकि, करुणानिधि ने उनसे कहा कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं है और लोकतंत्र उनके लिए महत्वपूर्ण है.
स्टालिन ने आगे कहा कि करुणानिधि ने आपातकाल के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया, जिसके तुरंत बाद द्रमुक सरकार को बर्खास्त कर दिया गया.
जनसभा के दौरान सीएम स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आने वाले चुनावों में सभी 40 सीटों (तमिलनाडु की 39 और पुडुचेरी की एक सीट) को जीतने के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया. लोगों ने हाल में इरोड पूर्वी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में गठबंधन सहयोगी-कांग्रेस को शानदार जीत देकर एसपीए को स्पष्ट जनादेश दिया है.
स्टालिन ने कहा कि इरोड पूर्वी सीट पर जीत तमिलनाडु के लोगों को दिए गए सुशासन और योजनाओं को दर्शाती है जिसमें महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा और सरकारी स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को एक हजार रुपये देना शामिल है.
उन्होंने दावा किया कि कुछ दल भ्रम पैदा करने और धर्म एवं जाति के नाम पर हिंसा भड़काने की कोशिश में हैं तथा वे द्रमुक को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गठबंधन द्वारा सभी 40 सीटें जीतना उन्हें उचित जवाब होगा. द्रमुक अन्य राज्यों में गठबंधन सहयोगियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी.