कौन है वह “श्रीमान् साहू”..? जो सेंदरी से कछार-लोफंदी तक पोकलेन जैसी भारी-भरकम मशीनों से अरपा का सीना छलनी कर रेत की अवैध खुदाई और बिक्री कर रहा है
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। बिलासपुर के पास सेंदरी में अवैध रेत उत्खनन की शिकायत पर सेंदरी पहुंचे अरपा प्राधिकरण के सदस्य महेश दुबे के निरीक्षण की एक खबर शहर के प्रमुख समाचार पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित हुई है। इसमें प्राधिकरण के सदस्य श्री महेश दुबे को रेत के अवैध उत्खनन और बिक्री में किसी श्रीमान् साहू की संलिप्तता की जानकारी मिली है। खबर के अनुसार रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन में लगे इस “श्रीमान् साहू” के बारे में खनिज विभाग के द्वारा मौके पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।
दूसरी बात यह कि प्राधिकरण के सदस्य द्वारा फोन से अवैध उत्खनन की सूचना दिए जाने के बाद भी खनिज विभाग के अधिकारी डेढ़ से दो घंटे बाद वहां पहुंचे। अब रहा सवाल यह की ये श्रीमान साहू आखिर हैं कौन..? तो खनिज विभाग के अधिकारियों की बात छोड़िए.. (उनके मुंह पर चांदी के ताले लग चुके हैं) अवैध रेत उत्खनन की राजधानी बन चुके सेंदरी,कछार और लोफंदी में रेत के अवैध कारोबार में लगे इस श्रीमान साहू के बारे में किसी छोटे से बच्चे से भी पूछेंगे…तो वो रेत तस्कर श्रीमान् साहू का पूरा नाम और पता बता देगा।इस इलाके में रेत का गोरखधंधा करने वाला यह श्रीमान इतना मशहूर (या कुख्यात) हो चुका है कि उसका नाम और उसके कारनामे दोनों ही किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
खनिज विभाग के लोग इसलिए इस शख्स पर कार्यवाही नहीं करते क्योंकि अवैध उत्खनन और बिक्री के गोरखधंधे से जो रकम आती है। उसका एक हिस्सा इस श्रीमान साहू के द्वारा खनिज विभाग के अधिकारियों को उनके परिवार के भले के लिए नियमित रूप से दे दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो खनिज विभाग के “खरतर” और कर्मचारी पहले ही इस श्रीमान साहू के अवैध गोरखधंधे की कब्र खोद चुके होते।
आश्चर्य की बात यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रेत के अवैध कारोबार को लेकर सख्त से सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी यह सफेदपोश “श्रीमान साहू” आज भी पोकलेन के जरिए अरपा मैया के सीने को छलनी कर रेत की अवैध खुदाई और बिक्री का गोरखधंधा..चोरी तो चोरी ऊपर से सीना जोरी की तर्ज पर जारी रखे हुए हैं। शायद वह यह जानता है कि खनिज विभाग के अधिकारी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते।