VIDEO : सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर रतनपुर में 20,000 मनोकामना ज्योति कलश हुए प्रज्वलित, वही लखनी देवी में 800 मनोकामना जेंवारा दर्शन…कोविड काल के बाद इस बार महामाया मंदिर में निशुल्क भंडारा, माता सेवा और भागवत कथा का बंद पड़ा सिलसिला फिर से हुआ शुरू
(शशि कोन्हेर के साथ जयेन्द्र गोले) : बिलासपुर। जिले के रतनपुर स्थित जगतप्रसिद्ध मां महामाया मंदिर में आज सुबह शास्त्रोक्त विधि से चैत्र नवरात्र की नौ दिवसीय अखंड पूजा अर्चना का सिलसिला शुरू हुआ। इस नवरात्र पर रतनपुर के महामाया मंदिर में घी और तेल मिलाकर लगभग 20,000 मनोकामना ज्योति कलश आज प्रज्वलित कर दिए गए। विशेष बात यह है कि इस नवरात्र में कोविड काल के दौरान लगी अनेक तरह की पाबंदियों को किनारे कर दिया गया। काबिले गौर है कि नवरात्र पर महामाया मंदिर में अखंड भोग भंडारा, भागवत कथा का आयोजन और रोज रात्रि को माता सेवा गीतों की प्रतियोगिता का सिलसिला चला करता था। लेकिन कोविड काल में इसे बंद कर दिया गया था। और उस बीच नवरात्र के दौरान केवल मां महामाया की पारंपरिक नवरात्र पूजा ही की जा रही थी।
अब कोविड काल के बाद पहली बार इस नवरात्र में 9 तिथियों तक चलने वाला भोग भंडारा, भागवत प्रवचन और रोज रात्रि को माता सेवा प्रतियोगिता का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया गया है। इस बार भागवत कथा के लिए प्रवचनकार के रूप में अमरकंटक से नरेंद्र कृष्ण महाराज पधारे हुए हैं।
इसी तरह रतनपुर के भैरव बाबा मंदिर और लखनी देवी मंदिर में भी नवरात्र की विशेष पूजा अर्चना मनोकामना ज्योति कलशों प्रज्वलन के साथ पूरी शुरू हो चुकी है। लखनी देवी मंदिर में नवरात्र पर मनोकामना ज्योति कलश की बजाए मनोकामना जेंवारा की परंपरा अधिक प्रचलित है। इसके चलते लखनी देवी में इस वक्त नवरात्र पर सौ मनोकामना ज्योति कलश और 800 के लगभग मनोकामना जवारा बोए गए हैं।
इनके दर्शन के लिए आज से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई है। आज पहले दिन से ही मां महामाया समेत रतनपुर के सभी पौराणिक स्थलों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का रैला पहुंचने लगा है। प्रशासन और रतनपुर मंदिर समिति के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं कारें जाने की जानकारी मिल रही है।