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RBI का मोबाइल पर आया मैसेज तो बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंचीं मां-बेटी और फिर जो हुआ….

(शशि कोन्हेर) : कानपुर के किदवईनगर ‘के ब्लॉक’ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के लॉकर से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक कीमत के गहने गायब हो गए। शुक्रवार को बेटी संग बैंक पहुंची महिला ने लॉकर खोला तो खाली देख दंग रह गई। एसीपी नौबस्ता ने जांच शुरू कर दी है। वहीं फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से फिंगर प्रिंट उठाए हैं।

नौबस्ता इलाके के बसंत विहार निवासी सूर्य कुमार अवस्थी ऑर्डिनेंस फैक्टरी से रिटायर हैं। उनकी पत्नी रमा अवस्थी ने वर्ष 2017 में बैंक ऑफ बड़ौदा की इस शाखा में बेटी श्रद्धा के साथ लॉकर लिया था। रमा ने लॉकर में बेटी श्रद्धा, ननद और बहु के साथ ही अपने भी जेवर रखे थे जो डेढ़ करोड़ से अधिक कीमत के थे। वहीं इंजीनियर पति संग नोएडा रहने वाली बेटी श्रद्धा ने बताया उसने जो लॉकर लिया था उसमें ससुराल के जेवर रखे हुए थे।

उसने अपने लॉकर से फरवरी 2020 में भाई के साले की शादी के लिए कुछ गहने निकाले थे। इसके बाद लॉकर को ऑपरेट नहीं किया था। इधर कुछ दिनों से मोबाइल पर आरबीआई की तरफ से लॉकर चेक करने के मैसेज आ रहे थे। इसी वजह से शुक्रवार को वह मां रमा के साथ बैंक की शाखा पहुंची थीं।

लॉकर में चाभी डालते ही घूम गई

बैंक की एक महिला कर्मचारी को लेकर श्रद्धा अपनी मां के साथ लॉकर रूम में दाखिल हुईं। कर्मी ने पहले रमा अवस्थी के लॉकर में चाभी लगाई। इसके बाद रमा देवी ने लगाई तो चाभी अपने आप घूम गई। लॉकर के स्क्रू भी ढीले थे। होल में अंगुली डाल कर बाहर खींचा तो लॉकर खुल गया। अंदर रखे सारे जेवर गायब थे। अंदर स्क्रू पड़े थे। यह देख वह चिल्लाने लगीं तो ब्रांच मैनेजर कमलेश गुप्ता अंदर आए।

श्रद्धा का कहना है कि शिकायत पर ब्रांच मैनेजर ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। रमा ने बताया कि उन्होंने अपनी रिश्तेदार राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला को जानकारी दी। पुलिस को भी बताया। थोड़ी देर में नौबस्ता इंस्पेक्टर संजय पांडेय फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। कुछ देर बाद एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय संग फॉरेंसिक टीम भी पहुंच गई। देर रात तक मामले की जांच जारी थी। श्रद्धा के मुताबिक उनके लॉकर में गहने सुरक्षित मिले हैं।  

नौबस्ता एसीपी अभिषेक पांडेय ने बताया, प्राथमिक जांच में लॉकर से छेड़छाड़ पाई गई है। तहरीर लेकर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। फिलहाल जांच की जा रही है।

बैंक ऑफ बड़ौदा आरएम जेके जायस का कहना है कि इस मामले में मैं कुछ नहीं बताना चाहता। सारी जानकारी लखनऊ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के पीआरओ से ही मिल सकेगी।

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