गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही

जिले की चार राईस को प्रशासन ने किया था ब्लैक लिस्टेड हाई कोर्ट के आदेश के बाद करना पड़ा बहाल….

(उज्ज्वल तिवारी) : पेंड्रा। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के गौरेला स्थित इंडस्ट्रियल एरिया अंजनी स्थित चार राइस मिल को अज्ञात व्यक्ति की शिकायत पर जिला प्रसाशन ने 29 दिसंबर 22 को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। वंही राईस मिल संचालकों की याचिका पर उच्च न्यायालय बिलासपुर ने ब्लैक लिस्टेड को शून्य करने का फ़ैसला सुनाया है जिसके बाद प्रसाशन ने भी ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही को शून्य कर दिया है। बता दें कि संबंधित फर्म, श्याम फ़ूड,यश राईस मिल,श्यामा इंडस्ट्रीज,को 29 दिसंबर 22 को लिखित शिकायत के बाद जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था जिस मामले को लेकर राइस मिल के संचालकों ने बिलासपुर हाई कोर्ट में 27 जनवरी 23 को याचिका 170/2023 दायर की थी साथ ही याचिका में आदेश 29 दिसंबरको 2022 ब्लैक लिस्ट से हटाने का अनुरोध किया था उच्च न्यायालय ने मामले में कार्यवाही करते हुए 10 फरवरी 2023 को जीपीएम कलेक्टर व खाद्य शाखा को संपूर्ण अभिलेखों औऱ दस्तावेजों के साथ सुनवाई के लिए तामील किया था। जंहा सभी दस्तावेजो के अवलोकन के बाद कोर्ट ने माना कि धान ख़रीदी वर्ष 21- 22 में मिलर्स ने उठाये गए धान के अनुपातिक पूरा चावल शासन को जमा कर दिया है। वंही ब्लैक लिस्टेड करने से पहले वैधानिक रूप से कारण बताओ नोटिस नही जारी करने पर उच्च न्यायालय ने सभी राईस मिल फर्मो की ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही को शून्य कर दिया औऱ धान खरीदी वर्ष 22-23 में डीओ से उठाये गए धान के अनुपातिक चावल जमा करने के निर्देश दिए है।

1. तीन आई ए एस अधिकारी को कोर्ट की फटकार
गौरेला की चारो राईस मिल फर्म पर एकतरफा कार्यवाही पर कोर्ट ने तीन आईएएस अधिकारियों को फटकार लगाई है इसमें तत्कालीन कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, फ़ूड सेकेट्री तोपेश्वर वर्मा,ओर एमडी मनोज सोनी को कोर्ट ने संबंधित फार्म को ने वैध कारण बताओ नोटिस दिए बिना ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही पर फटकार लगाई है।

2. क्या कहा कोर्ट ने
उपरोक्त निर्णयों के आलोक में, यह स्पष्ट है कि सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने वाला एक पूर्व कारण बताओ नोटिस सभी प्रशासनिक निर्णय लेने का एक अनिवार्य तत्व है और विशेष रूप से काली सूची से संबंधित निर्णयों में जो इकाई के लिए गंभीर परिणाम देते हैं। काली सूची में डाला जा रहा है। इन मामलों में, एक वैध कारण बताओ नोटिस प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है और ऐसा करने में विफलता उसके अनुसार काली सूची में डाले जाने के किसी भी आदेश के लिए घातक होगी।

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