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क्रांति के गीत और गांधीवादी अवतार, मौन पायलट ‘अनशन’ से क्यों कांग्रेस को दे रहे टेंशन….?

(शशि कोन्हेर) : राजस्थान में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ ‘नई जंग’ छेड़ दी है। वादे के मुताबिक पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कथित भ्रष्टाचार की जांच गहलोत सरकार की ओर से नहीं कराए जाने का आरोप लगाते हुए सचिन पायलट ने जयपुर में अनशन की शुरुआत कर दी। मंगलवार सुबह ज्योतिबा फुले और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करने के बाद पायलट ने अपने मौन अनशन का आगाज किया।

इस दौरान वह ‘गांधीवादी अवतार’ में नजर आए। मंच पर जहां गांधी जी की तस्वीर लगाई गई है तो बापू का प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो…’ बजाया जा रहा है। इसके बाद क्रांतिकारी गीत भी गूंजे और समर्थक नाचते नजर आए। अनशन स्थल पर पोस्टर पर महात्मा गांधी की फोटो और वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन लिखा हुआ है। हजारों समर्थकों की मौजदूगी में पायलट मौन धारण करके मंच पर बैठ गए। वह शाम 5 बजे तक मौन रहेंगे।

शहीद स्मारक पर पहुंचने से पहले पायलट ने यहां 22 गोदाम सर्कल के समीप समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। पायलट अपने आवास से 22 गोदाम सर्कल पहुंचे और ज्योतिबा फुले को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वह शहीद स्मारक के लिए रवाना हुए जहां बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे।

इस बीच चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस की टेंशन चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस ने पायलट के अनशन को पार्टी विरोध करार दिया है। इसके बाद अटकलें हैं कि पार्टी उनके खिलाफ कोई सख्त ऐक्शन भी ले सकती है। गौरतलब है कि पायलट ने वसुंधरा राजे सरकार के समय भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठेने की रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में घोषणा की और कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने का आग्रह किया था लेकिन सरकार के साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया, ऐसे में उन्हें अनशन करने का फैसला लेना पड़ा।

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