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सम्मान वापस चाहते हैं पायलट, कमलनाथ से मुलाकात में बता दी दिल की बात आगे का भी संकेत

(शशि कोन्हेर) : राजस्थान में चुनाव से कई महीनों पहले ही सियासी चहलकदमियां काफी तेजी से बढ़ने लगीं हैं। सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं। दरअसल, पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को अनशन पर बैठ गए थे। कांग्रेस पार्टी ने पायलट के इस अनशन को पार्टी विरोधी कदम बताया था। बावजूद, कांग्रेस पायलट को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रही है।

अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का मनमुटाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी दोनों नेताओं के बीच के इस तनातनी को एक चुनौती के तौर पर देख रही है। दोनों के बीच के विवाद को हल करने के लिए पार्टी ने दिग्गज कांग्रेसी नेता कमलनाथ का सहारा लिया है। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को कमलनाथ और सचिन पायलट में एक घंटे के आसपास बातचीत हुई।

पार्टी सुलह कराना चाहती है…
गहलोत-पायलट मनमुटाव को सॉल्व कराने का जिम्मा कांग्रेस पार्टी ने कमलनाथ को दिया है। बुधवार को कमलनाथ और एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पायलट से मुलाकात की। इस मुलाकात में पायलट से करीब एक घंटे बातचीत की गई। सचिन पायलट के अनशन के बाद कांग्रेस पार्टी के किसी दिग्गज नेता से यह उनकी पहली मुलाकात थी। यह मुलाकात खासा महत्व इसलिए भी रखती है क्योंकि आलाकमान की ओर से कमलनाथ को यह पूरा मामला सॉल्व करने का जिम्मा दिया गया है। सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, कमलनाथ और वेणुगोपाल ने पायलट से कहा कि पार्टी उनके महत्व को अच्छी तरह से समझती है और जल्द से जल्द उनके और गहलोत के बीच सुलह कराना चाहती है।

पायलट वापस चाहते हैं सम्मान
इस मुलाकात में कमलनाथ और वेणुगोपाल ने साफ तौर पर कह दिया कि पार्टी उनके और गहलोत के बीच के विवाद का सुलह कराना चाहती है। साथ ही कमलनाथ ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सचिन पायलट बताएं कि इस विवाद को कैसे खत्म किया जा सकता है। इस मुलाकात में पायलट से विवाद सुलझाने का रास्ता भी पूछा गया। पायलट ने कमलनाथ से कहा, ‘पार्टी में उनकी गरिमा को बहाल की जानी चाहिए।’ वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि पायलट ने उस बयान का विरोध किया जिसमें यह कहा गया था कि उनका अनशन पार्टी विरोधी है। टीओआई ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि कमलनाथ और पायलट के बीच की मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही।

पायलट की बातों के मायने
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पायलट ने इस मुलाकात में अपनी गरिमा बहाल करने की बात की। वहीं दूसरी ओर पायलट ने उनकी अनशन को पार्टी विरोधी कहे जाने पर भी नाराजगी जताई है। ऐसे में पायलट के इस बयान से यह माना जा सकता है कि पायलट सब कुछ ठीक करने को तैयार हैं बशर्ते इन दो बातों को लेकर उनकी नाराजगी पार्टी से है। ऐसे में पार्टी अब पायलट के इन दो बातों पर विचार कर सकती है।

दरअसल, 11 अप्रैल को सीएम अशोक गहलोत से यह सवाल पूछते हुए कि ‘पूर्व की भाजपा सरकार में जो भ्रष्टाचार हुए उनपर अभी तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया’ सचिन पायलट अनशन पर बैठ गए। पायलट के इस अनशन को लेकर पार्टी ने नाराजगी जताई थी। बावजूद, अभी तक कांग्रेस ने पायलट पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया। पार्टी पायलट को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रही है। ऐसे में कमलनाथ को यह जिम्मा दिया गया है कि वो पायलट और गहलोत के बीच बढ़ रहे विवाद को खत्म करें। इसी सिलसिले में गुरुवार को कमलनाथ और वेणुगोपाल ने पायलट से मुलाकात की। पायलट ने मुलाकात में कहा कि उनकी गरिमा को बहाल की जानी चाहिए। 

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