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सामुदायिक भवन में मनाया गया- संविधान शिल्पी बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती


(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+(सरगुजा) – भारतीय संविधान के रचनाकार बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती 14 अप्रेल को क्षेत्र में जगह जगह मनाया गया। जयंती मनाये जाने के श्रृंखला में 16 अप्रैल दिन रविवार को सामुदायिक भवन लखनपुर परिसर में बतौर मुख्य अतिथि भानू प्रताप मरकाम (सम्भागीय अध्यक्ष छग आदिवासी विकास परिषद सरगुजा संभाग) हीरालाल कुर्रे के आतिथ्य तथा रघुवीर चौधरी (जिला अध्यक्षता) तथा आदेश कुमार रवि (संभागीय अध्यक्ष) सोमारसाय बरवा, इन्द्र देव उररे, सहदेव,शिवलाल जांगड़े, प्रभंजन महिलागे, पटेल चौधरी रामकुमार टेकाम, विजय कुर्रे, केवल राम के विशिष्ट अतिथियो के मौजूदगी में बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर का जयंती मनाया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों ने बाबा साहब के छाया चित्र पर धूप दीप पुष्पाहार अर्पित किये।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भानू प्रताप मरकाम ने बाबा साहब के जीवन के कुछ खास ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा –बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रेल 1891 को हुआ।
शिक्षा काल के दौरान विद्यालय में उन्हें छूआछूत तथा अन्य दूसरे उपेक्षाओं का दंश झेलना पड़ा। सराहनीय है कि बाबा साहब 32 विषयो में उच्च शिक्षा हासिल किये तथा 9 भाषा के ज्ञाता हुये थे। उनका जीवन सदैव ही दलित और पिछड़ों के सेवा में बीता।


आगे मरकाम ने कहा -दलित और आदीवासी एवं पिछड़ों के विकास की नींव ही भारतीय संविधान है। जो भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाता है। कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि उन्होंने भारत में धर्म निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य की संरचना किया। संविधान में समता का अधिकार स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा का अधिकार,दिलाता है भारत को अनेकता से एकता की ओर ले जाता है।
जयंती समारोह में सम्मिलित लोगों ने बाबा साहब के बताये मार्ग पर चलने संकल्प लिया।
उन्हें याद करते हुए दिल के गहराई से नमन किये।
इस मौके पर राजन प्रसाद,विधान, राजेश, तामेश्वर,केवल, सुरेन्द्र, ईश्वर सहित आसपास ग्रामीण अंचल के लोग काफी संख्या में सम्मिलित रहे। इस मौके पर बाबा साहब के छाया चित्र से सजे वाहन रैली भी निकाली गई।

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