मध्यप्रदेश के स्टूडेंट ने बनाई ये किफायती इलेक्ट्रिक साइकिल, जबरदस्त रेंज और…..
(शशि कोन्हेर) : इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों में लगातार क्रेज बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है. जहां दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक बाइक्स, स्कूटर और साइकिलों के निर्माण में लगी हैं वहीं लोकल लेवल पर भी लोग नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं.
ताजा ख़बर मध्य प्रदेश की है, जहां के छतरपुर के रहने वाले एक 20 साल के लड़के ने भी ऐसी ही एक अनोखी इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई है, जो न केवल बेहतर ड्राइविंग रेंज देती है बल्कि 100 किलोग्राम तक का वजन उठाने में भी सक्षम है.
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के रहने वाले आदित्य शिवहरे ने इस इलेक्ट्रिक साइकिल को कड़ी मेहनत के बाद बनाया है. आज तक ने आदित्य से इस इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में बात की तो उन्होनें बताया कि, इसे बनाने में तकरीबन 1 महीने का समय लगा और इसकी लागत तकरीबन 20,000 रुपये है. ये इलेक्ट्रिक साइकिल एक बार फुल चार्ज होने के बाद 30 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज देती है और इसकी ख़ास बात ये है कि इसमें आज के समय मे एक आधुनिक बाइक में मिलने वाले फीचर्स को भी शामिल किया गया है.
इस इलेक्ट्रिक साइकिल में एक्सलेटर, ब्रेक, लाइट, हॉर्न और एक मोबाइल स्टैंड भी दिया गया है. इस मोबाइल स्टैंड पर चालक अपने स्मार्टफोन को रख सकता है, जिसका इस्तेमाल नेविगेशन के लिए किया जा सकता है.
आदित्य ने इस इलेक्ट्रिक साइकिल को ‘IND EV1’ नाम दिया है. आदित्य का कहना है कि, इसमें 250 वॉट की क्षमता का BLDC इलेक्ट्रिक मोटर इस्तेमाल किया गया है और इसकी बैटरी को सामान्य 5 Amp के घरेलू सॉकेट से कनेक्ट कर चार्ज किया जा सकता है. इसे फुल चार्ज होने में तकरीबन 5 घंटे का समय लगता है.
कहां से आया इलेक्ट्रिक साइकिल का आइडिया:
इस साइकिल के निर्माण को लेकर आदित्य ने बताया कि, आज के समय में बाजार में उपलब्ध बाइक्स और स्कूटरों की कीमत काफी उंची है, कई इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए लोगों को लाखों रुपये भी खर्च करने पड़ रहे हैं. ऐसे में वो एक ऐसी इलेक्ट्रिक साइकिल बनाना चाहते थें जो आम लोगों के बज़ट में हो और जिसे एक गरीब आदमी भी आसानी से अफोर्ड कर सके.
बता दें कि, आदित्य को टेक्नोलॉजी और मशीनों से ख़ासा लगाव है इससे पहले भी वो महज 16 साल की उम्र में बिना वायर के इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करने वाले एक डिवाइस का निर्माण कर चुके हैं. जिसकी तारीफ न केवल राज्य सरकार ने बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी.
आदित्य दुनिया को बल्ब की रौशनी का तोहफा देने वाले मशहूर वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन को अपना आदर्श मानते हैं और उनका कहना है कि, उन्होनें अब तक जीवन में जो कुछ भी सीखा है उसके पीछे एडिशन की ही प्रेरणा है. आदित्य शिवहरे इस समय सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहे हैं और वो फर्स्ट ईयर के छात्र हैं.