जिस डायरेक्टर के साथ लिव-इन में रहती थी प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रिया राजवंश…उसके ही बेटों ने कर दी हत्या
(शशि कोन्हेर) : ग्लैमर की दुनिया में सितारों की जिंदगी बाहर से जितनी खूबसूरत दिखाई देती है कई बार केवल उसका भ्रम सा होता है। कई अभिनेत्रियां रहीं जिन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर राज किया लेकिन उनकी निजी जिंदगी बेहद उथल-पुथल रही।
गुजरे जमाने की ऐसी ही एक अभिनेत्री प्रिया राजवंश के बारे में बताते हैं जिनकी हत्या उनके ही प्रेमी के बेटों ने कर दी थी। सिनेमा जगत में उस वक्त हत्या की इस खबर से सनसनी मच गई। बताया जाता है कि प्रिया राजवंश निर्देशक चेतन आनंद के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती थीं। सिनेमा जगत में वह उन्हें अपना मेंटॉर मानती थीं।
इस तरह मिली पहली फिल्म
प्रिया का जन्म शिमला में हुआ और वहीं पर उन्होंने शिक्षा पूरी की। शिमला में ही वह थियेटर से जुड़ गई थीं और अंग्रेजी नाटकों में हिस्सा लेती थीं। बाद में वह लंदन स्थित रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामैटिक आर्ट में शामिल हो गईं।
वहां एक फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीरें क्लिक कीं जो किसी तरह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंचीं। प्रिया की मुलाकात अभिनेता देवानंद के भाई और फिल्ममेकर चेतन आनंद से हुई और दो साल बाद चेतन ने फिल्म ‘हकीकत’ बनाई जिसमें प्रिया मुख्य हीरोइन थीं। यहीं से उनके रिश्ते की भी नई शुरुआत हुई।
प्रेम कहानी का दुखद अंत
चेतन आनंद उस वक्त अपनी पत्नी उमा आनंद से अलग ही हुए थे और प्रिया राजवंश उनका सहारा बनीं। प्रिया उम्र में चेतन आनंद से 15 साल छोटी थीं। ‘हकीकत’ के बाद चेतन आनंद ने अपनी कई फिल्मों में उन्हें लिया। सिर्फ फिल्म में एक्टिंग ही नहीं वह फिल्म के प्रोडक्शन के काम पर भी निगरानी रखने लगी थीं। चेतन आनंद अपनी हर फिल्म में प्रिया राजवंश को लिया करते थे।
वहीं प्रिया भी केवल चेतन की ही फिल्में करती थीं। रिपोर्ट के मुताबिक वो साथ रहने लगे थे। प्रिया ने अपनी आखिरी फिल्म 1986 में ‘हाथों की लकीरें’ की थीं। हालांकि उनकी हाथों की लकीरों में कुछ और ही लिखा था। 1997 में चेतन आनंद का निधन हो गया। चेतन आनंद के निधन के बाद संपत्ति के बंटवारे में उनकी पहली शादी से दोनों बेटों की हिस्सेदारी थी। साथ ही प्रिया राजवंश का भी हिस्सा था।
चेतन आनंद के बंगले में हुई थी प्रिया की हत्या
27 मार्च 2000 को चेतन आनंद के जुहू स्थित रुइया पार्क बंगले में प्रिया की हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप चेतन के दोनों बेटों केतन आनंद और विवेक आनंद पर लगा। उन्होंने घर के दो नौकरों माला चौधरी और अशोक चिन्नास्वामी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। वो नहीं चाहते थे संपत्ति का बंटवारा प्रिया के साथ हो। जुलाई 2002 में दो साल के मुकदमे के बाद चारों आरोपियों को कोर्ट ने हत्या का दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई लेकिन नवंबर 2002 में उन्हें जमानत मिल गई। साल 2011 में बॉम्बे हाईकोर्ट ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दोनों की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया।
शादी की योजनाओं पर क्या बोली थीं प्रिया
1960 में Cineplot के साथ इंटरव्यू में प्रिया ने शादी की योजनाओं के बारे में कहा था कि, ‘मेरी शादी के लिए कई प्रपोजल आए थे लेकिन मैंने उन सभी को खारिज कर दिया। मैं एक सफल एक्ट्रेस बनना चाहती हूं। मुझे यकीन है मैं बन सकती हूं क्योंकि इसके लिए मैं प्रतिबद्ध हूं। लंदन में मैंने जो अनुभव हासिल किए उससे मुझे स्वतंत्र रूप से जीने का साहस मिला। मेरा सौभाग्य है कि मेरे माता-पिता इतने समझदार हैं जो मुझ पर इतना भरोसा करते हैं।’