प्री वेडिंग शूट पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की बयार, दुल्हे ने पहना गमछा, लूंगी बनियान तो दुल्हनिया भी बनी गांव की छोरी
(शशि कोन्हेर) : शादी से पहले प्री वेडिंग शूट कराने का फैशन इन दिनों युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है, लेकिन जांजगीर-चांपा जिले का एक जोड़ा अपने अनोखे प्री वेडिंग शूट के कारण चर्चा में है। इस जोड़े ने मॉडर्न कपड़ों में शूट कराने के बजाय अपनी गौरवशाली छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय वेशभूषा में प्री वेडिंग शूट करवाया है।
प्री वेडिंग शूट करवाने वाले अधिकतर जोड़े फैशनेबल कपड़े पहनकर एक-दूसरे के साथ रोमांटिक पोज देते हुए शानदार देशी-विदेशी लोकेशन्स पर प्री वेडिंग शूट करवाते हैं, लेकिन पेशे से इंजीनियर देवेंद्र राठौर ने अपनी होने वाली दुल्हनिया रश्मि राठौर के साथ छत्तीसगढ़ी कपड़ों में फोटो शूट करवाया है।
जहां देवेंद्र सर पर गमछा, हाथ में डंडा, लूंगी-बनियान और चप्पल पहने हुए हैं, वहीं उनकी दुल्हन ने गले में दुलरी, तिलरी, सिक्का, हाथ में चूड़ी, कमर में करधनी पहनकर हाथों में हुंडी लिए हुए है।
3 मई को होगी शादी
दूल्हे देवेंद्र चरवाहों की वेशभूषा में बकरी को पकड़े हुए हैं। जांजगीर के पुरानी बस्ती में रहने वाले इंजीनियर देवेंद्र राठौर ने कहा कि उनकी शादी 3 मई को रश्मि राठौर के साथ होने वाली है। उनकी शादी का कार्ड भी छत्तीसगढ़ी भाषा में ही है।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति के साथ पुराने पहनावे को भी नहीं भूलना चाहिए। आजकल के नौजवान पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं। देवेंद्र ने अपनी शादी का निमंत्रण बकायदा छत्तीसगढ़ी भाषा में भी सोशल मीडिया के माध्यम से दिया है।
होने वाले दूल्हे ने कहा कि आज के समय में युवा प्री वेडिंग के लिए एक-से-एक बढ़कर एक डेस्टिनेशन पर तरह-तरह के स्टाइलिस्ट कपड़ों के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं, साथ ही रील्स बना रहे हैं।
प्री वेडिंग शूट कराने नदी, पर्वत, पार्क, हिल स्टेशन जा रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में शानदार प्राकृतिक नजारे हैं। हमारे प्रदेश को प्रकृति ने नैसर्गिक खूबसूरती से नवाजा है। यहां की संस्कृति को संजोना हमारा दायित्व है। इधर छत्तीसगढ़िया अंदाज में कराया गया ये प्री वेडिंग शूट लोगों को खूब भा रहा है।