मानहानि केस में राहुल के बाद अब इनकी भी बढ़ी मुश्किल…अदालत में आरोप तय… दिग्विजय ने कहा..मैं बिना प्रमाण के बात नहीं करता
(शशि कोन्हेर) : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मानहानि केस में मुश्किलें बढ़ गईं हैं। भोपाल की एक विशेष अदालत ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफफ आईपीसी की धारा 500 के तहत आरोप तय कर दिए हैं। दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष ने दर्ज कराया था, जिनपर पूर्व सीएम ने व्यापमं घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विधान माहेश्वरी की अदालत ने बुधवार को दिग्विजय सिंह के खिलाफ आरोप तय किया और मामले की सुनवाई 1 जुलाई के लिए स्थगित कर दी। भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि की सजा) में 2 साल की सजा, जुर्माना अधवा दोनों हो सकती है।
भाजपा के मध्य प्रदेश के वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 2014 में दिग्विजय सिंह की ओर से व्यापमं घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाए जाने के बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस साल चार फरवरी को विशेष अदालत ने मामले में सिंह को जमानत दे दी थी। मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों के लिए की जाने वाली भर्ती एवं व्यावसायिक कोर्स के लिए ली जाने वाले परीक्षाओं के घोटालों के लिए व्यापमं देश में कुख्यात है। व्यापमं में घोटाला 2011 में सामने आया था। सीबीआई ने 2015 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इस भर्ती और प्रवेश घोटाले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।
शर्मा के वकील सचिन वर्मा ने गुरुवार को कहा कि सिंह ने कथित तौर पर उनके मुवक्किल के खिलाफ आरोप लगाया था जिसका मकसद लोगों की नजरों में उनकी (शर्मा) की छवि खराब करना था। हालांकि, दिग्विजय सिंह के वकील अजय गुप्ता ने दावा किया, ‘सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लायक कोई मामला नहीं है, लेकिन ऐसे अपराधों में अपनाई गई प्रक्रिया में आरोपमुक्त करने का चरण नहीं होता है। इसलिए, एक रूटीन (प्रक्रिया) में, मेरे मुवक्किल की दलीलों पर विचार किए बिना भादंसं की धारा 500 के तहत आरोप तय किया गया है।