बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा- जहर उगले बिना नहीं रहेगा पाकिस्तान का ये नापाक विदेश मंत्री
(शशि कोन्हेर) : यह बात एक सप्ताह बाद साफ हो ही जाएगी कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो 5 और 6 मई को गोवा में हो रही शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में अपनी गंभीर भागीदारी के लिए आ रहे हैं या भारत के खिलाफ जहर उगलने..! जिस शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए बिलावल भुट्टो भारत आ रहा है। उसके भारत, रूस और चीन को छोड़कर जितने भी सदस्य देश हैं सभी में पाकिस्तान की तरह “स्तान” शब्द लगा हुआ है। मसलन, इसके सदस्य देशों में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान भी शामिल हैं। जहां तक भारतीयों का सवाल है।
उन्हें इस बात से कोई खुशफहमी पालकर नहीं रखनी चाहिए कि बिलावल भूट्टो के रूप में 12 साल बाद पाकिस्तान के का कोई विदेश मंत्री भारत आ रहा है। शंघाई सहयोग संगठन की 2 दिन की बैठक में जिस एजेंडे पर भी बात होनी है। यहां हम उसकी चर्चा नहीं कर रहे हैं। हमारी चिंता का सबब पाकिस्तान के भारत विरोधी विदेश मंत्री “बिलावल भुट्टो” का शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के बहाने भारत आना है। संयुक्त राष्ट्र संघ हो या अमेरिका, ब्रिटेन अथवा पाकिस्तान हर-कहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री के रूप में बिलावल भुट्टो हर हमेशा भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगलता रहा है।
उसके इस रवैया को देखकर इस बात का पूरा शक है कि अपनी इस भारत यात्रा के दौरान भी बिलावल भुट्टो कश्मीर अथवा धारा 370 या मुस्लिमों को लेकर कोई ना कोई विवादित बयान जरूर जारी कर सकता है। दरअसल पाकिस्तान में आर्थिक हालात दिवालिया स्थिति में पहुंच चुके हैं। ऐसी एक भी बात नहीं है, जिसे वहां की मौजूदा सरकार अपनी उपलब्धि बता सके। ऐसे में पाकिस्तानी जनता की भारत विरोधी मानसिकता में अपनी वाहवाही कराने के लिए बिलावल भुट्टो जरूर कोई ना कोई ऐसा बयान दे सकता है। जिसका हमें तत्काल प्रतिकार करना होगा। बिलावल हर हाल में इस मौके का दुरुपयोग कर भारत के खिलाफ विष वमन से बाज नहीं आएगा। इस आशंका को देखते हुए हमें अभी से बिलावल के भारत आगमन को लेकर बहुत ज्यादा जोशो खरोश अथवा उत्साह दिखाने या खुशफहमी पालने की कोई जरूरत नहीं है। वरन शंघाई सहयोग संगठन की इस बैठक में भाग लेने के लिए 4 और 5 मई को गोवा पहुंच रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री की संभावित भारत विरोधी बयानबाजी पर कैसे अंकुश लगाया जाएगा। इसकी तैयारी अभी से कर ली जानी चाहिए। क्योंकि बिलावल भारत आकर भारत के ही खिलाफ बिलबिलाएगा नहीं, यह मानने को हमारा मन कतई तैयार नहीं है।