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कांग्रेस ने 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम की वर्षगांठ पर सेनानियों क्रांतिकारियों और शहीदों को दी श्रद्धांजलि

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। ज़िला कांग्रेस कमेटी ने 10 मई को प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की वर्षगांठ पर कांग्रेस भवन में सेनानियों को, शहीदों को श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा आज़ादी की नींव 10 मई 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में पड़ गई थी।इस पहले स्वतंत्रता संग्राम का दूरगामी परिणाम निकला और देश आज़ादी की लड़ाई के विभिन्न सोपानों को पार करते हुए 90 वर्षो बाद स्वतन्त्र हुआ।।, इस आंदोलन के कई मायने निकले ,देश एकता के सूत्र में बंधने लगा , ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर ब्रिटिश क्राउन को शासन हस्तांतरित कर दिया गया।


1857 का स्वतंत्रता संग्राम हिन्दू-मुस्लिम एकता और संयुक्त रूप से राष्ट्र के प्रति जवाबदेही का प्रमाण है।
जफर अली, हरीश तिवारी ,एसएल रात्रे ने कहा कि प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम भारतीयों के दिल मे अंग्रेजो के अत्याचार,लूट खसोट के प्रति धधकती ज्वाला का प्रस्फुटन था ,जिसका तात्कालिक कारण बना कारतूस में चर्बी का प्रयोग। जो हिन्दू और मुस्लिम सैनिको को नागवार गुजरा और 29 मार्च को बैरकपुर छावनी के सिपाही मंगल पांडेय ने विद्रोह कर दिया ,जिसकी गूंज पूरे देश मे फैल गयी ,और 10 मई 1857 को मेरठ में कोतवाल धन सिंह गुर्जर ने सोची समझी रणनीति के तहत विद्रोह का बिगुल फूंका। ,जिसके समर्थन में अंग्रेजो के हड़प नीति से पीड़ित रियासतों ने साथ दिया ,जिसमे कानपुर के पेशवा, झांसी, नागपुर सतारा, अवध, लखनऊ, दिल्ली शामिल था।


मुगल शासक बहादुर शाह जफर को नेतृत्व सौंपा गया ,किन्तु प्लानिंग के अभाव ,एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव में विद्रोह के समाचार में कमी के और अफवाह के कारण सफलता नही मिली और लगभग 2 वर्षो के बाद यह स्वतंत्रता संग्राम पूर्णरूप से समाप्त हो गया।, जिसका सबसे बड़ा खामियाजा बहादुर शाह जफर को चुकानी पड़ी ,अंग्रेजो ने उनके तीन पुत्रो का सर कलम कर तस्तरी में 80 वर्षीय शासक को सौंपा और उन्हें निर्वासित करके वर्मा भेज दिया गया।


कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ,संयोजक ज़फर अली, हरीश तिवारी, एसएल रात्रे,विनोद शर्मा, माधव ओत्तालवार, त्रिभुवन कश्यप ब्रजेश साहू,विनोद साहू, अरविंद शुक्ला, पिंकी बतरा जगदीश कौशिक, चन्द्र शेखर मिश्रा, दीपक रायचेलवार, राजेश शर्मा, सत्येंद्र तिवारी,सुभाष ठाकुर, दिनेश सूर्यवंशी, अनिल पांडेय, अन्नपूर्णा ध्रुव,हेमन्त दृघस्कार, सन्तोष गुप्ता,गणेश रजक,रेखेन्द्र तिवारी,लक्ष्मी जांगड़े,राजेश ताम्रकार, चन्द्रहास केशरवानी,दीपक साहू,मनोज शुक्ला,करम गोरख, अजय साहू,शमशेर केटी आदि उपस्थित थे ।

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