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द केरल स्टोरी सब जगह चल रही, फिर आपको क्या परेशानी….ममता सरकार से सुप्रीम कोर्ट का सवाल


(शशि कोन्हेर) : ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल देश के अन्य हिस्सों से अलग नहीं है, तो फिर वहां क्यों फिल्म पर प्रतिबंध लगाया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने पूछा कि कि समान जनसंख्या अनुपात वाले राज्यों में यह फिल्म चल रही है तो पश्चिम बंगाल ने क्यों इसपर प्रतिबंध लगाया है? इन सख्त टिप्पणियों के साथ ही सर्वोच्च अदालत ने बंगाल और तमिलनाडु सरकारों से जवाब मांगाते हुए बुधवार को अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर कर दी।

‘द केरल स्टोरी’ मई को रिलीज हुई थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने मूवी पर बैन लगा दिया था, जबकि तमिलनाडु के थिएटर मालिकों ने भी स्क्रीनिंग रोक रखी है। इस बैन के खिलाफ फिल्म प्रोड्यूसर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी। सुनवाई जल्दी कर ली जाए इसके लिए सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा था कि हर दिन के साथ निर्माताओं को नुकसान हो रहा है।


द केरल स्टोरी का टीजर आने के बाद से ही फिल्म विवादों में आ गई थी। धर्मांतरण पर बनी इस फिल्म को लेकर मेकर्स का दावा है कि मूवी सच्ची घटनाओं पर आधारित है। वहीं ममता बनर्जी ने इसे प्रोपागैंडा फिल्म बताया था। उन्होंने कहा था, इन लोगों ने द कश्मीर फाइल्स क्यों बनाई? एक सेक्शन को अपमानित करने के लिए… केरल स्टोरी क्या है? अगर कश्मीर के लोगों की निंदा करने के लिए द कश्मीर फाइल्स बना सकते हैं…अब केरल के बदनाम कर रहे हैं। आगे चलकर बंगाल फाइल्स बना देंगे। पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर बैन लगा दिया था। वहीं तमिलनाडु में फिल्म की स्क्रीनिंग रोक रखी थी। थिएटर्स मालिकों की दलील थी कि इससे माहौल बिगड़ सकता है। इसके बाद प्रोड्यूसर विपुल शाह ने सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन के खिलाफ याचिका दी थी।

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