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कर्नाटक की एक सीट पर जमकर हुआ बवाल, धरने पर बैठे सिद्धारमैया, चार बार रिकाउंटिंग और फिर 16 वोट से हुई
किस्मतवाले की जीत

(शशि कोन्हेर) : कर्नाटक में इस बार कांग्रेस ने बड़ी बाजी मार ली है लेकिन एक सीट ऐसी है जिसपर रातभर बवाल चलता रहा। इस सीट पर मतगणना के दौरान राज्य में कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार रातभर धरने पर बैठे रहे। चार बार रीकाउंटिंग की गई। इसके बाद भी भाजपा का प्रत्याशी चुनाव जीत गया। भाजपा के  सी.के. राममूर्ति ने अपनी कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी सौम्या रेड्डी को 16 मतों के मामूली अंतर से हरा दिया।

राज्य सूचना विभाग के एक अधिकारी ने एक बयान में कहा, ‘जयानगर में एस.एस.एम.आर.वी. कॉलेज के मतगणना केंद्र में अधिकारियों ने शनिवार देर रात नतीजों की घोषणा की। चूंकि जीत का अंतर बहुत कम था, राममूर्ति ने मतों की पुनर्गणना की मांग की थी।

जयनगर में आर.वी. इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में तनाव व्याप्त हो गया, जहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार के साथ-साथ राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष रामलिंगा रेड्डी, जो सौम्या रेड्डी के पिता भी हैं और कई अन्य नेताओं ने मतगणना केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने राममूर्ति को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया। चुनाव अधिकारियों ने 16 मतों के कम अंतर से राममूर्ति को विजेता घोषित किया।

जमकर हुआ बवाल
दुबारा काउंटिंग को लेकर भाजपा और कांगेरेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। तेजस्वी सूर्या ने कहा, पहले सौम्या रेड्डी को विनर बताया गया लेकिन फाइनल सर्टिफिकेट नहीं जारी हुआ। सीके राममूर्ति ने कहा कि सौम्या केवल 180 वोटों से जीती हैं। इसके बाद कांग्रेस वर्कर कहने लगे की इसमें गड़बड़ी की गई है। वहीं डीके शिवकुमार का कहना है कि सौम्या रेड्डी की जीत की बात चुनाव आयोगी की वेबसाइट पर भी आ गई थी।

लेकिन भाजपा सांसद बार-बार रीकाउंटिंग की बात कह रहे थे। इसको लेकर भाजपा आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया और कहा कि कांग्रेस के गुंडे चुनाव आयोग के अधिकारियों को अपना काम नहीं करने दे रहे हैं और रामलिंगा रेड्डी की बेटी की वजह से प्रमाणपत्र ही नहीं जारी करने दे रहे।

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