छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि उन्होंने अब तक पूर्ण शराबबंदी का आदेश क्यों नहीं दिया….? और महिलाओं तथा गुड़ाखू को लेकर कही क्या बात..?

(शशि कोन्हेर) : शराबबंदी के मामले से प्रदेश सरकार किनारा करते दिखाई दे रही है। आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय उन्होंने नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि नशा किसी मामले में फायदेमंद नहीं होता। नशा शरीर के लिए और घर परिवार के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। उन्होंने कहा कि जब मैं सभाओं में शराबबंदी की बात करता हूं तो सभी महिलाएं दोनों हाथ उठा देती है और समर्थन करती है।

लेकिन इसके बाद जब मैं गुड़ाखू पर प्रतिबंध लगाने की बात कहता हूं तो एक भी महिला हाथ नहीं उठाती। क्योंकि वे इस नशे का ज्यादा सेवन करती हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं राज्य का मुखिया होने के नाते तत्काल शराबबंदी का आदेश दे सकता हूं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे समस्या का समाधान हो पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस काल में लॉकडाउन के दौरान जब लोगों को शराब नहीं मिली तो उन्होंने सेनीटाइजर पी लिया इससे उनकी मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि उस दौरान मध्य प्रदेश और हरियाणा से शराब की ट्रक के छत्तीसगढ़ आने लग गई। आश्चर्य की बात यह कि उन्हें रास्ते में पकड़ने वाला कोई नहीं था। इस दौरान कई लोगों को नशा नहीं मिला तो उन्होंने सैनिटाइजर पीकर भी अपनी जान गवा दी ‌। यह सब देखकर मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं शराबबंदी का आदेश दे दूं।

उन्होंने इसके लिए सामाजिक जनजागरण कर लोगों को नशे की लत से छुड़ाने के लिए प्रेरित करना होगा। । काबिले गौर है कि गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनने पर राज्य में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। लेकिन अब तक यह लागू नहीं हो पाया है। इसे लेकर तरह तरह की बयानबाजिया होते रहती हैं।

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